Published On : Mon, Nov 11th, 2019

अपूर्ण संसाधन के बावजूद बीवीजी व एजी संभालेंगी शहर का स्वास्थ्य

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वाहन नए,पुराने व शहर के मान से कर्मियों की कमतरता 

नागपुर: आगामी १५ नवंबर से शहर का कचरा संकलन की जिम्मेदारी बीवीजी प्राइवेट लिमिटेड और एजी एन्वायरो प्राइवेट लिमिटेड आधा-आधा संभालने जा रही.लेकिन इसके लिए निविदा शर्तो के हिसाब से दोनों ठेकेदारों के पास न वाहन और न ही कर्मियों की व्यवस्था हैं.नतीजा लड़खड़ाई व्यवस्था से शहर का स्वास्थ्य बिगड़ सकता हैं.

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कनक से काम बड़ा व व्यवस्था काफी कम
पूर्व ठेकेदार कनक के पास ठेका समाप्ति के वक़्त जितनी व्यवस्था थी,उससे काफी कम व्यवस्था,मनुष्यबल उक्त दोनों कंपनियों के पास हैं.ऐसी सूरत में आगामी १५ नवम्बर से शहर का कचरा संकलन कैसे संभालेंगी,यह उल्लेखनीय हैं.

कनक के कर्मियों की पुनर्नियुक्ति क्यों नहीं
दरअसल उक्त दोनों कंपनियों को नागपुर में कनक की जगह समाहित करने के लिए एक अघोषित शर्ते रखी गई थी.वह यह थी कि मनपा के दिग्गज,प्रभावी नगरसेवकों के १०-१० आदमियों को उनके सिफारिश अनुसार उक्त दोनों कंपनियां नियुक्त करेंगी।अर्थात इससे कनक में अबतक कार्यरत कर्मियों को पुनर्नियुक्ति सभी की नहीं होंगी।

काम के बदले मासिक दाम
उक्त दोनों कंपनियों द्वारा तय मौखिक शर्तो अनुसार मनपा के खाकी और खादी को मासिक १० लाख रूपए के आसपास वितरित करेंगी।ताकि प्रशासकीय अड़चनों से मुक्ति मिले।इस मासिक सहयोग से पक्ष-विपक्ष के तथाकथित दिग्गज आमसभा या विशेष सभा में उक्त कंपनियों के समर्थन में अपनी भूमिका निभाते देखे जायेंगे।

जयपुर में बीवीजी व प्रशासन में चल रही खींचतान
जयपुर शहर में भी बीवीजी सेवाएं दे रही हैं.यहाँ डोर टू डोर कचरा संकलन के बजाय घर-घर से कचरा संकलन के बजाय होटलों,दुकानों,व्यवसायिक कॉम्प्लेक्सों,अस्पतालों आदि के लिए सक्रिय हैं.इतना ही नहीं इनकी गाड़ियां कबाड़ियों के सेवा में लगे हैं.जिनसे इनके कर्मियों को मासिक वेतन से दोगुणा मुनाफा हो रहा हैं.दूसरी ओर जयपुर नगर निगम प्रशासन से भुगतान को लेकर खींचातानी भी चर्चे में हैं.इस चक्कर में बीवीजी ने संसाधन भी आधे कर दिए ताकि खर्च न बढे.

१८० करोड़ की अघोषित आय का खुलासा
सीबीडीटी(केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के दावे के अनुसार आयकर विभाग ने विगत सप्ताह बीवीजी समूह के पुणे मुख्यालय छापे के दौरान ६० लाख रूपए नगद भी मिले।इसका भी कोई हिसाब नहीं था.

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