Published On : Tue, Oct 1st, 2019

सातवां तो नहीं अब बायोमैट्रिक के आधार पर मिलेंगा वेतन

Advertisement

इस नए हथकंडे के खिलाफ न्यायालय जाने की सोच रहे कर्मी

नागपुर : नागपुर मनपा कर्मियों को आजतक सातवां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा। इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग की सलाह पर प्रशासन ने कर्मियों के लिए नया फतवा जारी किया कि अक्टूबर माह से आगे का वेतन बायोमैट्रिक सिस्टम के आधार पर मिलेंगा। इस फतवे से कर्मी सकते में आ गए तो कुछ तोड़ निकालने के लिए न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे।

Gold Rate
02 June 2025
Gold 24 KT 96,000/-
Gold 22 KT 89,300/-
Silver/Kg 98,200/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

सातवां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार वेतन प्राप्ति के लिए मनपा कर्मचारी संगठन गली से लेकर मुम्बई तक आंदोलन ,पत्र व्यवहार सह मेल मुलाकात करते करते 9 महीने बिता दिए। पिछले माह एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर मांग दोहराई।इसी बीच कर्मियों के हरकतों से सकपकाए मनपा प्रशासन ने आगामी विधानसभा चुनाव कोई खलल न पड़े इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग की सिफारिश पर एक फतवा जारी कर अक्टूबर माह से आगे का वेतन बॉयोमैट्रिक पद्धति से निकालने का निर्देश जारी किया।

अर्थात जितनी हाजिरी उतना ही मासिक वेतन दिया जाएगा। यह भी कड़वा सत्य हैं कि मनपा में सैकड़ों कर्मी सहल करने का वेतन उठा रहे। इन्हीं में से कुछ दर्जन विभिन्न प्रकार के संघठनों के नेता या नेताओं के हमखास हैं। कुछ विशेष तो ब्याजखोर कर्मी हैं, जो पिछले आंदोलन में कुछ ज्यादा ही सक्रिय दिखे। आंदोलनकारी नेताओं के करीबी होने से इनका कर्मियों से आर्थिक शोषण तबियत से जारी हैं। ऐसे ब्याजखोर और उनके आका से मनपा को मुक्त करवाने की मांग निष्ठावान कर्मियों ने की है। इन ब्याजखोर कर्मियों का मनपा परिसर के बैंकों में अच्छी खासी पकड़ हैं, अर्थात बैंक कर्मी भी मिले हुए हैं। उ

ल्लेखनीय यह हैं कि मनपा कर्मियों का रोजाना हज़ारी जाँचने का जिम्मा विभाग के प्रमुख को हैं, जब विभाग प्रमुख ही वक़्त पर नहीं आता,इसलिए हजारी जांच नहीं होती। कर्मियों का हजारी मामले में सीधा प्रशासन दखल नहीं दे सकता।

कुछ कर्मियों का कहना हैं कि बॉयोमेट्रिक पद्धति से वेतन मामले में कोई न्यायालय गया तो प्रशासन पशोपेश में पड़ सकता हैं, दरअसल यह हथकंडा सामान्य प्रशासन विभाग का हैं, जब कभी कर्मियों ने आंदोलन किया तो नया नया फतवा जारी कर आंदोलन का खच्चिकरण किया जाता हैं। यह भी उतना ही सत्य हैं कि मनपा प्रशासन कर्मियों से गुणवत्तापूर्ण काम लेने में पूर्णतः असफल रहा इसलिए उक्त फतवे जारी कर खुद की पीठ थपथपा रही।

Advertisement
Advertisement
Advertisement