Published On : Tue, Jul 30th, 2019

खौफ और दहशत का साया नक्सल सप्ताह दौरान अनेक बस फेरियां रद्द

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गोंदिया: पुलिस-नक्सलियों के बीच हिंसक मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की याद में पिपुल्स लिब्ररेशन गुर्रिला आर्मी तथा जनवादी क्रांतिकारी माओवादी संगठन द्वारा रविवार 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाया जा रहा है, इस दौरान जिले में सक्रिय जहां नक्सली संगठन ऑपरेशन ग्रीन हंट का विरोध कर रहे है वही किसी हिंसक वारदात को अंजाम देते हुए अपनी उपस्थिती का अहसास कराने में नक्सली जुटे हुए है।

जिले के नक्सलप्रभावित सालेकसा, देवरी, चिचगड़ तथा केशोरी थाना क्षेत्रों के अतिसंवेदनशील गांवों में नक्सल शहीद सप्ताह का असर दिखायी दे रहा है। एक ओर जहां गोेंदिया बस आगार डिपो ने सुरक्षा के मुद्देऩजर सालेकसा, बिजेपार, नवाटोला, चांदपुर, खोलगढ़, मलाजखंड, फुक्कीमेटा, ककोड़ी, गल्लाटोला, डोंगरगढ़ व डोमाटोला जैसे इलाकों की ओर जाने वाले 16 बस फेरियों को रद्द कर दिया है वहीं टैक्सी और अन्य यातायात के साधनों पर भी कुछ असर पड़ा है।

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अंतर्राज्जीय सीमाओं पर पैनी ऩजर
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने हेतु नवनियुक्त जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे ने जवानों को मुस्तैद रहने की ताकीद दी है। वहीं छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित गड़चिरोली व आंध्रप्रदेश से सटी जिले की सीमाओं पर रात्रि गश्त (पेट्रोलिंग) तेज कर दी गई है तथा सी-60 कमांडो व एओपी पर तैनात विशेष पुलिस दल हर गतिविधि पर पैनी नजर रखते हुए कुछ इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चला रहे है।

रेस्ट जोन में कोम्बिंग ऑपरेशन शुरू
गोंदिया और गड़चिरोली जिले की सीमाएं आपस में लगी हुई है। पुलिस द्वारा जब नक्सलियों को एक इलाके में घेरा जाता है तो वे अपना ठिकाना बदलकर पड़ोसी जिले के जंगल में शरण ले लेते है। सोमवार 29 जुलाई के दोपहर गड़चिरोली जिले के चार्मोशी तहसील के ग्राम फुसेरगंरजी में सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस-नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एक महिला नक्सली ढेर हो गई तथा घटनास्थल से पुलिस को काफी संख्या में नक्सल साहित्य भी मिला।

ऑपरेशन ग्रीन हंट के तहत सी-60 कमांडो ने नक्सलियों को खदेड़ दिया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार गड़चिरोली से भागे नक्सली सालेकसा के वनपरिक्षेत्र के घने जंगलों में जिसे रेस्ट जोन के नाम से भी जाना जा सकता है, यहां छिपे हो सकते है? लिहाजा इन घने जंगलों में पुलिस ने कोम्बिंग ऑपरेशन के तहत सर्च कार्रवाई शुरू कर दी है।

75 डेटोनेटर, 1 बैटरी व अन्य साहित्य बरामद मामले में नक्सली संगठनों पर मामला दर्ज
अर्जुनी मोरगांव तहसील के केशोरी थाना अंतर्गत आने वाले अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित ग्राम तिरखुड़ी के जंगल से बरामद 75 डिटोनेटर , एक 12 वॉट की पॉवर सोर्स मैकेनिकल डायनामो बैटरी मामले में केशोरी पुलिस ने 29 जुलाई को फिर्यादी सापोनि दिपक जाधव की शिकायत पर अज्ञात नक्सली दलम के खिलाफ धारा 307, सहकलम 4, 5 भारतीय विस्फोटक कायदा, सहकलम 3 सार्वजनिक मालमत्ता नुकसान प्रतिबंधक अधिनियम, 8, 20, 23 बेकायदा हलचल प्रतिबंधक एक्ट का जुर्म दर्ज किया है।

थाना प्रभारी जाधव ने बताया, घटना 1 जुलाई के दोपहर घटित हुई थी। पुलिस खुफिया विभाग के व्यक्ति को तिरखुड़ी जंगल परिसर में लावारिस अवस्था में पड़े विस्फोटक दिखायी दिए जिसके बाद उन्हें थाने लाया गया और जब्ती कार्रवाई पश्‍चात तो चिजें बरामद हुई थी, इन विस्फोटक पदार्थ का क्या उपयोग होता है? इसकी जांच हेतु उन्हें प्रयोगशाला भेजा गया था। 28 जुलाई को रिपोर्ट आने के बाद अब यह खुलासा हुआ है कि, इन 75 डिटोनेटर के बारूद को इक्कठा कर आईडी विस्फोट में इसका इस्तेमाल किया जाना था। नक्सलियों का मकसद किसी नाले अथवा कच्चे रास्ते पर भू-सूरंग बिछाकर इन 75 डिटोनेटर के बारूद और पॉवर सोर्स बैटरी की मदद से पुलिस काफिले पर घात लगाकर हमला करते हुए ब्लास्ट द्वारा उनकी जान लेना मकसद था लिहाजा मामला दर्ज किया गया है।

केशोरी इलाके में के.के.डी नक्सली दलम सबसे अधिक सक्रिय है। बहरहाल मामले की जांच जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे के मार्गदर्शन में देवरी उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत ढोले कर रहे है।

– रवि आर्य

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