Published On : Tue, Jul 16th, 2019

1500 करोड़ की परियोजना से बदलेगी गोंदिया-भंडारा की तस्वीर

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गोंदिया। महाराष्ट्र सरकार ने पराली (तनस) धान फसलों के अवशेषों से इथेनॉल बनाने के प्लांट को भंडारा में लगाने की मंजूरी दे दी है|सरकार के इस कदम से जहां प्रदूषण में कमी आएगी वहीं धान फसलों के अवशेषों की बिक्री होने से गोंदिया-भंडारा जिले के किसानों को आम के आम.. गुठली के दाम तर्ज पर मुनाफा होगा।

यह निर्णय 16 जुलाई मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिती में मुंबई में हुई बैठक के दौरान लिया गया।
बैठक में सार्वजनिक बांधकाम, वन व आदिवासी विकास राज्यमंत्री तथा गोंदिया-भंडारा जिले के पालकमंत्री परिणय फुके, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भूषण गगरानी, शोभाताई फडणवीस, भंडारा जिला कलेक्टर शांतानू गोयल, महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक विकास निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अन्बलगन, भारत पेट्रोलियम के कार्यकारी संचालक मिलिंद पतके उपस्थित थे।

 

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इथेनॉल और सीएनजी प्लांट को मिली मंजूरी

इथेनॉल और सीएनजी उत्पादन के परियोजना की जानकारी देते मंत्री परिणय फुके ने बताया, गत 3 वर्षों से वे इस परियोजना की संकल्पना को साकार करने में लगे हुए थे। यह परियोजना लगभग 1500 करोड़ की है और इसके लिए भंडारा जिले के हाइवे बॉयपास रोड पर तिड्डी (मकरधोकड़ा) स्थित 99 हेक्टर जमीन में से 47 हेक्टर (लगभग 100 एकड़) जमीन भंडारा जिला कलेक्टर ने एमआईडीसी को हस्तांतरित करने का फैसला लिया है। साथ ही शेष 52 हेक्टर जमीन एरिगेशन विभाग की है जिसे भविष्य के प्रावधान के रूप में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है।

भारत पेट्रोलियम यहां जैव इथेनॉल का उत्पादन प्लांट स्थापित कर रही है। प्रस्तावित प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 4 टन किलो लिटर इथेनॉल बनाने की होगी जिसके लिए इस कम्पनी को प्रतिदिन 500 टन और साल में लगभग 2 लाख टन पराली (तनस), भूसा खरीदने की आवश्यकता होगी।

इस परियोजना हेतु पशु चारे को छोड़कर भंडारा जिले में 3.84 लाख टन और गोंदिया जिले में 3.46 लाख टन पराली (तनस) उपलब्ध है। साथ ही घने वनक्षेत्रों से घिरे इन दोनों जिलों से निकलने वाले काड़ी-कचरे का इस्तेमाल भी बॉयो मास तैयार करने हेतु किया जाएगा।

आसान और फायदेमंद कारोबार है धान की तनस से इथेनॉल बनाना- डॉ. परिणय फुके

फसलों के अवशेषों की बिक्री से जहां किसानों को मुनाफा होगा, वहीं इथेनॉल बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा और प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से गोंदिया-भंडारा जिले में 10 हजार लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।

2 लाख टन पराली (तनस) भूसा कच्चे माल के रूप में खरीदने का मसौदा भारत पेट्रोलियम ने तैयार कर लिया है, जो कि गोंदिया-भंडारा जिले के किसानों से खरीदा जाएगा। अभी तक ज्यादातर किसान इस पराली, तनस (भूसे) को खेत में जलाते रहे है जिससे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। इस प्लांट के लगने से प्रदूषण उत्सर्जन का प्रमाण काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।

यह आसान और फायदेमंद कारोबार है लिहाजा जल्द से जल्द बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए ताकि किसानों व क्षेत्र के बेरोजगारों को इसका लाभ मिले, एैसे निर्देश भी मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए है।

पालकमंत्री परिणय फुके ने बताया, इथेनॉल की उपलब्धता देश में ही कम कीमत पर होने से 13 परियोजनाओं को भारत सरकार ने मंजूरी दी थी जिसमें से 3 परियोजनाएं हरियाणा, उड़िसा और महाराष्ट्र के भंडारा में शुरू हो रही है। भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल और डीजल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने की नीति को मंजूरी दी है। वर्तमान में महज 1 प्र्रतिशत इथेनॉल उपलब्ध है तद्हेतु इस तरह की परियोजना की आवश्यकता थी।

विशेष उल्लेखनीय है कि, अब इस प्रोजेक्ट को लेकर जहां किसानों में खुशी की लहर है वहीं गोंदिया-भंडारा जिले में रोजगार के भी बड़े अवसर अब उपलब्ध होंगे। भविष्य में यह योजना निश्‍चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी।

रवि आर्य 

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