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नागपुर: राज्य की उपराजधानी में पुलिस की दबिश के बाद भी ऑर्केस्ट्रा की आड़ में डांस बार गुलज़ार हैं. ये हम नहीं बल्कि सूचना के अधिकार के तहत माँगी गई जानकारी के तहत जानकारी सामने आ रही है. आरटीआई में जानकारी दी गई है कि शहर में एक दो नहीं बल्कि 12 ऐसे बार हैं जो बिना अनुमति के ऑर्केस्ट्रा चला रहे हैं. इन बारों का लाइसेंस पुलिस विभाग ने रिन्यू नहीं किया है फिर भी ये बार धड़ल्ले से शुरू हैं. इस ग़ैरक़ानूनी धंधों से तंगी काट रही मनपा को भी बट्टा लग रहा है.
बता दें कि नागपुर महानगर पालिका को बार में चलाए जानेवाले हर ऑर्केस्ट्रा से हर महीने 50,000 रुपए की आय होती है. लेकिन लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जाने से मनपा को मिलनेवाली हर महीने 6 लाख की आय से हाथ धोना पड़ रहा है.
आरटीआई से मिली जानकारी में और भी कई चौंकानेवाली जानकारियां देखने मिलती हैं. जिसमें यह कहा गया है कि ऑर्केस्ट्रा चलानेवाले ऐसे बारों का लाइसेंस 2-3 सालों से रिन्यू ही नहीं किया गया है.
जानकारी के तहत विवादों में रहनेवाले निडोज़ बार, जिसका संचालन राजीव जयसवाल करते हैं, का ऑर्केस्ट्रा लाइसेंस 2016 से ही रिन्यू नहीं हुआ है.
इसी तरह नीरज गुप्ता के होटल मंदिरा भवन, दिलबाग सिंह गुरदीप सिंह सोखी का सरजा बार और रेस्टोरेंट, मोहब्बत सिंह तुली के होटल स्काईलार्क, सुतिंदरपाल सिंह गुरुचरण सिंह अरोरा के बार, रामलु कोंड्या सुल्तान का होटल ग्रीन बार और रेस्टोरेंट, बेस्टेक हॉस्पिटैलिटी प्रायवेट लिमिटेड होटल रेडिसन ब्ल्यू का लाइसेंस 2015 तक ही था.
बलदेव मोहन हिरानी के होटल एस डायग्नोस्टिक प्रायवेट लिमिटेड, अविनाश भोंसले का होटल ली मेरिडियन का लाइसेंस मियाद 2016 तक था. जबकि मोहित प्रेमचंद गुप्ता के वेलकम बार का लाइसेंस 2017 तक ही था.
लेकिन इन बारों का ऑर्केस्ट्रा की मियाद खत्म होने के बाद भी यहां बेधड़क ऑर्केस्ट्रा के नाम पर अश्लील नाच गाना शुरू रहता है. याद दिला दें कि पुलिस ने हालही में एक बड़ा अभियान ऐसे डांसबारों को बंद कराने के लिए छेड़ा था. बार मालिक ऑर्केस्ट्रा की आड़ में लाइसेंस मियाद खत्म होने के बाद भी डाँस बार का संचालन करते हैं.
जबकि महाराष्ट्र होटल, रेस्टोरेंट व बार रूम्स अश्लील नृत्य प्रतिबंध व महिला अस्मिता प्रतिबंधक क़ानून 2016 के तहत ऑर्केस्ट्रा में डाँस की अनुमति नहीं है.