Published On : Mon, Jul 9th, 2018

बारिश में भीग रहे हैं बेजुबान जानवर

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नागपुर: नागपुर शहर में कई ऐसे बिना रजिस्ट्रेशन के गाय भैसो के तबेले चल रहे हैं जिन पर किसी भी तरह से मनपा का ध्यान नहीं है. इन तबेलों में न तो जानवरों को बारिश से बचाने के लिए कोई इंतेजाम है और नाही इनके लिए कोई पर्याप्त शेड की व्यवस्था है. जिससे की इन्हे बारिश से बचाया जा सके. गांधी नगर में यह नजारा दिखाई दिया. जिसमें इस तबेलों में 30 से 40 गाय भैसों को रखा गया है, जो बारिश में भीग रहे है.

लेकिन उनकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है. चार दिन पहले शहर में जो जोरदार बारिश हुई थी उसमें इन जानवरों के बचाव के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी. यह जानवर दिन-रात बारिश में भीगते रहे. सड़क पर भी इन जानवरों को बांधकर रखा जाता है. इन तबेलों का रजिस्ट्रेशन हुआ है या नहीं, इसकी कोई भी खोज खबर नागपुर महानगरपालिका नहीं करती है. शहर में गांधीनगर के साथ ही गिट्टीखदान, मानेवाड़ा, टेका नाका समेत शहर के सभी जगहों पर इस तरह से जानवरों को बिना किसी व्यवस्था के रखा जा रहा है. जिसके कारण यह भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत ही आता है.

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पशुओ के यह मालिक गाय भैसो का दूध निकालने के बाद इन्हें छोड़ देते हैं. जिससे यही जानवर सड़क पर घूमते हैं. इनके खुले में घूमने की वजह से शहर में दुर्घटनाएं भी आए दिन होती रहती है. शहर में ज्यादातर गाय भैसों के तबेले दबंगों के होने की वजह से भी इन तबेलों की शिकायत करने में आम नागरिक हिम्मत नहीं जुटा पाता और मनपा के कर्मचारी अधिकारी इन पर समय आने पर खानापूर्ति के लिए ही जुर्माने की कार्रवाई करते हैं.

इस कार्रवाई से इन पर ज्यादा कोई फर्क भी नहीं पड़ता है. जिसके कारण शहर में इन पशुओं पर भी एक तरह से पालन के नाम पर अत्याचार हो ही रहा है.

मनपा के पशु चिकित्सक अधिकारी गजेंद्र महल्ले ने इन जानवरों को खुले में रखने के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि गाय भैसों को बिना व्यवस्था के रखना भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत ही आता है. अभी शहर के अवैध तबेलों की जांच चल रही है. उसमें यह भी देखा जा रहा है कि पशुओ पर किसी तरह की क्रूरता की जा रही है इसकी रिपोर्ट दो से तीन माह में आएगी. जिसके बाद ऐसे तबेलों पर कार्रवाई की जाएगी.

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