Published On : Mon, Jul 9th, 2018

मनपा कर्मचारियों करेंगे हड़ताल

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NMC Nagpur

नागपुर: मनपा कर्मचारियों को 6वां वेतन आयोग लागू होने के बाद नियमों के अनुसार देय बकाया के लिए भले ही कई बार चर्चा की गई, लेकिन अब तक इसका 59 माह का बकाया कर्मचारियों को नहीं दिया गया है. जबकि अब केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार 7वां वेतन आयोग लागू होने का समय आ गया है.

अत: लंबे समय से चले आ रहे इस बकाए के भुगतान के लिए शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो नियमों के अनुसार कर्मचारियों में मतदान लेने के बाद बेमियाद हड़ताल करने की चेतावनी राष्ट्रीय नागपुर कार्पोरेशन एम्प्लाइज एसोसिएशन ने दी. अध्यक्ष सुरेन्द्र टिंगने ने बताया कि मनपा प्रशासन वेतन के बकाया को लेकर गलत जानकारी दे रहा है. कभी भी 6वें वेतन आयोग का बकाया नहीं लेने की शर्त पर आयोग लागू करने की बात संगठन की ओर से नहीं मानी गई. इसके विपरीत कई बार चर्चा के दौरान मनपा प्रशासन ने बकाया अदा करने के लिए बजट में प्रावधान किया.

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2013 में सदन ने लिया फैसला
संगठन की ओर से टिंगने ने बताया कि मनपा की 18 जुलाई 2013 को हुई बैठक में भाजपा के वरिष्ठ पार्षद एवं तत्कालीन सत्तापक्ष नेता दयाशंकर तिवारी ने मनपा कर्मचारियों को बकाया देने के लिए सदन में चर्चा के दौरान सुझाव दिया था. जिसमें उन्होंने यथाशीघ्र कितने चरणों में बकाया दिया जाएगा, इसके लिए सदन की एक समिति गठित कर 30 दिनों के भीतर निर्णय लेने के निर्देश देने का अनुरोध महापौर से किया था.

सदन में सत्तापक्ष की ओर से दिए गए सुझाव को स्वीकृत कर महापौर ने भी निर्देश देते हुए कहा कि आयोग को सदन ने मान्यता प्रदान की थी. जिससे वेतन आयोग का भुगतान कब दिया जाए, तथा कितने चरणों में दिया जाए. इसका प्लान प्रशासन की ओर से रखा जाना चाहिए.

मनपा के पास कोई दस्तावेज नहीं
संगठन का मानना था कि अब भले ही लेखा और वित्त विभाग 6वें वेतन आयोग को लागू करते समय कर्मचारी संगठन की कृति समिति के साथ हुई बैठक का हवाला देकर बकाया नहीं लेने की शर्त पर आयोग लागू करने की स्वीकृति कृति समिति द्वारा दिए जाने का दावा कर रहा हो, किंतु नियमों के अनुसार संगठन के साथ हुए समझौते के दस्तावेज प्रशासन के पास होने चाहिए.

टिंगने ने बताया कि इस संदर्भ में सूचना के अधिकार के तहत वित्त व लेखा विभाग से जानकारी मांगी गई थी. जिसमें विभाग ने स्वयं खुलासा किया कि इस तरह का कोई भी लिखित पत्र उनके पास नहीं है. एक ओर बकाया देने के लिए बजट में प्रावधान नहीं किया गया, वहीं अब बकाया देने से ही प्रशासन मुकर रहा है. जिससे नियमों के अनुसार अब आवश्यकता पड़ने पर बेमियाद हड़ताल की तैयारी करने की चेतावनी भी उन्होंने दी.

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