नागपुर: नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से ” शिकायत निवारण समिति ” का गठन किया गया है. जिसके अंतर्गत अब नागपुर विश्वविद्यालय से जुड़े सभी कॉलेजे और उनके शिक्षक और कर्मचारी अब सीधे अपनी समस्याओं को लेकर इसकी शिकायत समिति के पास कर सकेंगे. नागपुर विश्वविद्यालय में कार्यरत एक पूर्व प्राध्यापक ने बताया कि पिछले दो वर्षों से शिक्षक और कर्मचारियों की समस्याओं के लिए किसी भी तरह की समिति की सिफारिश या फिर व्यवस्था नहीं की गई थी.
विद्यार्थियों की समस्याओं के लिए कई संगठन हैं. उनके लिए समिति भी है. लेकिन शिक्षकों के लिए और कर्मचारियों के लिए किसी भी तरह की विश्वविद्यालय में समिति गठित नहीं की गई थी. जिसके कारण शिक्षकों और कर्मचारियों को अपनी समस्याओं को लेकर काफी परेशानी होती थी. जिसके बाद इस समिति का गठन किया गया. इसमें ख़ास बात यह है कि आनन फानन में इस समिति को गठित किया गया है. लेकिन पिछले दो वर्षों में नागपुर विश्वविद्यालय ने कोई चुस्ती क्यों नहीं दिखाई.
इस समिति का गठन कुलगुरु डॉ. सिध्दार्थविनायक काणे के अधिकारक्षेत्र में किया गया है. जिसमें इस समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त जिला न्यायधीश प्रभु.पी. पाटील चुनाव किया गया है. इसमें नागपुर यूनिवर्सिटी के मानवविज्ञान विद्याशाखा के प्रभारी डॉ. श्रीकांत कोमावार, सी.पी.एन्ड बेरार महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मिलिंद बाराहाते, कुलसचिव पूरनचंद्र मेश्राम और विधि की प्रभारी अधिकारी डॉ.प्रवीणा खोब्रागडे को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. इस समिति का कार्य रहेगा कि शिक्षकों और कर्मचारियों की शिकायतों का सज्ञान लेकर उनकी शिकायतों का समाधान करे.