नागपुर: रेशमबाग स्थित डॉ हेडगेवार स्मृति मंदिर में महानगर पालिका द्वारा मंजूर किये गए विकास कार्य के विरोध में पूर्व नगरसेवक जनार्दन मून ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। नागरी हक्क मंच की तरफ से दर्ज़ की गयी याचिका में सवाल उठाया गया है जनता के टैक्स के पैसे से कैसे कोई संस्था निजी संपत्ति पर विकास कार्य कर सकती है। मून की दलील है की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम की कोई संस्था रजिस्टर्ड ही नहीं है। संस्था से जुड़े कार्यो को देखा जाये तो वह एक धर्म विशेष के लिए कार्यो तक ही सीमित है।
ऐसे में आम आदमी के पैसे से कोई विकास कार्य करना ग़लत है। सनद रहे की मंगलवार को नागपुर महानगर पालिका की स्थाई समिति की बैठक में स्मृति भवन की सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए 48 लाख 36 हजार 54 रूपए की निधि को मंजूर किया था। स्थाई समिति अध्यक्ष की दलील थी की इसी परिसर में सीमेंट-कॉन्क्रीट की सड़क निर्माण हेतु 89 लाख 2 हजार 790 रूपए की मंजूरी दी गयी है। परिवार के विकासकार्यो को लेकर 17-18 के बजट में प्रावधान किया गया था जिसे सदन ने ही मंजूरी दी है।
स्थाई समिति की बैठक में इस काम को मंजूरी देने के प्रस्ताव का विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया था। स्थाई समिति सदस्य मनोज सांगोळे,हरीश ग्वालवंशी सहित एक अन्य महिला सदस्य के साथ बसपा के जीतेन्द्र घोडेस्वार ने उक्त विषय को मंजूरी देने के मामले में विरोध दर्शाया था। इस विरोध पर समिति के अध्यक्ष संदीप जाधव ने कहाँ कि मनपा सार्वजनिक दृष्टिकोण के मद्देनज़र विकास कार्य करती रही है इसी कड़ी में इस काम को भी मंजूरी दी गयी है। इस काम को लेकर विरोधी दल के सदस्यों ने प्रशासन से जब जवाब माँगा तब अधिकारियो ने भी अपने हाँथ खड़े कर लिए थे।