
नागपुर – राज्य के पुलिसकर्मियों के साथ एक गंभीर अन्याय सामने आया है। जून 2023 से अब तक पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश (वीकली ऑफ) के बदले देय राशि का भुगतान नहीं किया गया है। दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भुगतान लंबित रहने से पुलिस महकमे में तीव्र असंतोष और निराशा का माहौल है।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी
त्योहारों के दौरान बंदोबस्त ड्यूटी, वीआईपी दौरों की सुरक्षा, चुनावी तैयारियां और आपातकालीन हालात—इन सभी मोर्चों पर पुलिसकर्मी बिना अवकाश लगातार ड्यूटी निभा रहे हैं। इसके बावजूद नियमों के तहत मिलने वाली आर्थिक भरपाई अब तक नहीं हो सकी है। कई पुलिसकर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह समस्या पिछले दो वर्षों से लगातार बनी हुई है।
स्टाफ की कमी, सातों दिन ड्यूटी
सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग पहले से ही भारी स्टाफ कमी से जूझ रहा है। इसका नतीजा यह है कि अधिकांश पुलिसकर्मियों को सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता है। नियम स्पष्ट हैं कि यदि साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता, तो उसके बदले भुगतान अनिवार्य है, लेकिन जून 2023 के बाद से यह राशि रोक दी गई है। इसका सीधा असर निचले स्तर के पुलिसकर्मियों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है।
निजी जीवन और मनोबल पर असर
लंबे समय से अवकाश और भुगतान न मिलने के कारण पुलिसकर्मियों में मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। परिवार को समय न दे पाना, बढ़ते घरेलू खर्चों की भरपाई न हो पाना और निरंतर दबाव में ड्यूटी करना—इन सबने उनके निजी जीवन को प्रभावित किया है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से सेवा दे रहे हैं, फिर भी उनके वैधानिक अधिकारों की अनदेखी की जा रही है।
तत्काल भुगतान की मांग
पुलिसकर्मियों और उनके संगठनों ने राज्य सरकार तथा वरिष्ठ प्रशासन से लंबित साप्ताहिक अवकाश भुगतान तत्काल जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि समय पर भुगतान न केवल पुलिस बल का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारियों का निर्वहन भी और अधिक प्रभावी व जिम्मेदारीपूर्ण ढंग से किया जा सकेगा।








