Published On : Tue, Nov 4th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: धार्मिक आस्था को ठेस..अब नहीं होगी खामोशी! , सिंधी समाज भड़का

अमित बघेल के विवादित बयान को लेकर गोंदिया के बाद तिरोड़ा गुस्से आक्रोश और आस्था के उफ़ान का गवाह बना
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गोंदिया। सिंधी अराध्य वरुण देव भगवान झूलेलाल जी के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने वाले जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के अध्यक्ष अमित बघेल के बयान ने सिंधी समाज में आक्रोश की आग भड़का दी है।देशभर के करोड़ों सिंधी बंधुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के बाद अब गोंदिया और तिरोडा में समाज एकजुट होकर सड़कों पर उतर आया है।

इष्ट देव का अपमान नहीं सहेंगे

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गोंदिया कलेक्ट्रेट और तिरोडा पुलिस स्टेशन सहित SDO दफ्तर पर सैकड़ों की संख्या में सिंधी समाज के लोग उमड़ पड़े। नारे गूंजे “झूलेलाल जी का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान। भावनाओं के ज्वार के बीच समाज के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी प्रजीत नायर, तिरोडा पुलिस निरीक्षक अमित वानखेडे और एसडीओ को ज्ञापन सौंपा। मांग साफ थी- अमित बघेल पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई की जाए।

यह सिर्फ एक बयान नहीं, समाज पर प्रहार है

ज्ञापन में कहा गया कि अमित बघेल का बयान सिर्फ अपमानजनक नहीं, बल्कि सांप्रदायिक तनाव और जातीय वैमनस्य फैलाने की साजिश है।
समाज नेताओं का कहना है- हमारे इष्ट देव की गरिमा हमारी आस्था की रेखा है, कोई इसे लांघेगा तो समाज चुप नहीं बैठेगा।
सिंधी समाज ने यह भी कहा कि देश की आज़ादी से लेकर उद्योग, व्यापार और शिक्षा तक हर क्षेत्र में सिंधियों ने योगदान दिया है, और अब अगर कोई उनके आराध्य देव या समाज पर कीचड़ उछालेगा तो जवाब कानूनी भी होगा और जनसंघर्ष के रूप में भी।

रासुका नहीं लगा तो आंदोलन तय!

गोंदिया में ज्ञापन सौंपने के साथ ही तिरोडा में गुस्से की लहर सड़क पर दिखाई दी।
युवाओं ने बाइक रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया और चेतावनी दी- अगर अमित बघेल पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो सिंधी समाज आंदोलन को और उग्र करेगा। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यह मामला केवल धार्मिक अपमान का नहीं बल्कि राष्ट्र की एकता और सद्भावना पर हमला है।
कलेक्टर, एसडीओ और पुलिस प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि अमित बघेल पर रासुका के तहत मामला दर्ज किया जाए।

सिंधी समाज धर्म से समर्पित, देश से प्रतिबद्ध

इस अवसर पर सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा- 1947 देश में आजादी का साल था लेकिन ” अखंड भारत ” धर्म के आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया , इस बंटवारे के साथ खून-खराबा दंगे और हजारों मौतें हुई थी , हमने पाकिस्तान छोड़ा और विस्थापित होकर आए।
हम इस देश के वफादार नागरिक हैं कोई हमें ‘पाकिस्तानी’ कहे या हमारे देवता का अपमान करे- तो यह सिर्फ शब्द नहीं, देशभक्ति पर सवाल है।

गिरफ्तारी की पुष्टि, लेकिन समाज की नज़र सज़ा पर!

जानकारी के अनुसार, धार्मिक प्रतीकों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अमित बघेल और क्रांति सेना से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि हो चुकी है फिर भी सिंधी समाज का कहना है – केवल गिरफ्तारी काफी नहीं, जब तक रासुका नहीं लगती, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
धर्म का अपमान नहीं, सनातन धर्म के लिए बलिदान देंगे इस बात का संकल्प भी सिंधी समाज ने दोहराया।

रवि आर्य

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