गोंदिया। बुधवार 29 अक्टूबर की शाम तकरीबन 5 बजे शहर के रिंग रोड लक्ष्मी नगर इलाके में ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने हर किसी को दहला दिया।
आम दिनों की तरह लोगों की सड़क से आवाजाही चल रही थी कि तभी आसमान में चिंगारियों की ‘चटक-चटक’ आवाज़ गूंजी, और अगले ही पल एक इंसान बिजली के तारों पर झूलता दिखाई दिया।
लोगों की सांसें थम गईं- हर किसी की नज़र बस उस खंभे पर जमी थी जहां मौत और ज़िंदगी आमने-सामने खड़ी थीं।
20 फीट ऊंचे खंभे पर मौत का झटका!
दरअसल, लक्ष्मी नगर इलाके के पोल ( खंभे) में नया केबल जोड़ने का काम चल रहा था।
संविदा लाइनमैन कन्हाई बगरई मुर्मू (32 वर्ष,निवासी विला कोकला , पोस्ट कटसोले त. बरागोरा ईस्ट जिला सिंगगाम- झारखंड) यह अपने काम में व्यस्त था।
वह 20 फीट ऊंचे पोल पर चढ़कर नया केबल जोड़ ही रहा था कि अचानक स्ट्रीट लाइट चालू होने से बिजली प्रवाह शुरू हो गया।
पलक झपकते ही कन्हाई करंट की चपेट में आ गया उसे ज़ोरदार झटका लगा, शरीर झुलसा और कुछ ही पलों में वह बेहोश होकर बिजली के तारों के बीच झूलने लगा।
ऊंचाई से गिरा, चादर बनी जिंदगी की ढाल!
नीचे मौजूद उस लाइन मैन के साथी और मोहल्ले के लोग उस वक्त ज़िंदगी और मौत की जंग का गवाह बन चुके थे।
तत्काल इलाके की बिजली बंद करवाई गई और उसी बीच उसका साथी संविदा लाइनमैन संतोष सरदार (निवासी पश्चिम बंगाल) बिना सोचे-समझे खुद खंभे पर चढ़ गया।
यह किसी फिल्म का दृश्य नहीं था बल्कि वास्तविक हीरोइज़्म का पल था।
संतोष ने तारों के बीच फंसे साथी को नीचे धकेला, जबकि नीचे खड़े युवाओं ने मोटी चादर को अपने हाथों में फैलाकर मजबूती से थाम रखा था।
पलभर में कन्हाई उस चादर पर आ गिरा- और लोग चीख उठे, “बच गया!”
यह दृश्य देखकर मोहल्ले के लोग भावुक हो गए, किसी ने पानी पिलाया, तो कोई एम्बुलेंस बुलाने दौड़ा।
करंट का झटका , आईसीयू में जिंदगी की जंग
गंभीर रूप से झुलसे कन्हाई को तुरंत सहयोग हॉस्पिटल ले जाया गय, जहां डॉ. संदीप मोरे ने मेमो जारी कर रामनगर पुलिस थाने को सूचना दी।
आईसीयू में भर्ती कन्हाई की हालत नाज़ुक बनी हुई है,
डॉक्टरों ने मुताबिक करंट का झटका इतना तीव्र था कि कुछ सेकंड और ऊपर रहता तो दिल की धड़कनें थम सकती थीं।
ठेका कंपनी पर उठे सवाल- सुरक्षा से खिलवाड़ ?
जानकारी के अनुसार, बिजली सप्लाई की मरम्मत का ठेका सिंबवेल नामक किसी निजी कंपनी के पास है, जिसने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से मजदूरों को बुलाया है।
उन्हें 600 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी दी जाती है, और कई बार ये संविदा लाइनमैन बिना सेफ्टी बेल्ट, दस्ताने और हेलमेट के ऊंचाई पर काम करते हैं।
हैरानी की बात यह है कि हादसे का शिकार कन्हाई सिर्फ दो दिन पहले ही इस प्रोजेक्ट पर काम करने आया था , वह शादीशुदा है।
कंपनी के सुपरवाइजर सहदेव गोप ने हादसे की सूचना उसके परिवार को दे दी है, और इलाज का खर्चा कंपनी उठा रही है।
कन्हाई और उसके साथी फुलचूर इलाके में साईं बाबा धर्मकांटे के पास एवं गोपालनगर इलाके में किराए का कमरे लेकर रहते हैं।
पुलिस जांच में खुल सकते हैं बड़े राज़
घटना की सूचना पर रामनगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि जब लाइन मेंटेनेंस चल रहा था, तो स्ट्रीट लाइट को चालू करने की अनुमति किसने दी ?
क्या कंपनी ने सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन किया?
या फिर इलाके की स्ट्रीट लाइट कितने बजे शुरू होती है इस बात की जानकारी दिए बिना , लाइन मैन ( मजदूरों ) की जान जोखिम में डालकर काम कराया जा रहा था ?
इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है-हर दूसरे दिन इन मजदूरों को खंभे पर चढ़ा देखते हैं, बिना कोई सुरक्षा उपकरण , कोई पूछने वाला नहीं ऐसे में हादसा होना तय था!
रवि आर्य










