नागपुर – शहर में नशे के कारोबार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसकी बानगी उस वक्त सामने आई जब दक्षिण नागपुर के एक पूर्व नगरसेवक का बेटा संकेत बुग्गेवार एमडी ड्रग्स की तस्करी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। गणेशपेठ पुलिस ने तड़के छापेमारी कर उसे महिंद्रा थार कार समेत धरदबोचा। उससे 16.07 ग्राम एमडी ड्रग्स, मोबाइल और वाहन सहित कुल 18.17 लाख रुपए का माल जब्त किया गया।
ड्रग्स के अंधे धंधे में ‘संकेत’!
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर रविवार की सुबह गणेशपेठ बस स्टैंड के पास नाकाबंदी की गई। एनआईटी कॉम्प्लेक्स रोड पर एक काली थार कार (MH-45-AV-4554) को रोका गया। जांच में कार चला रहा युवक संकेत बुग्गेवार (29), आशीर्वाद नगर निवासी, पूर्व पार्षद अजय बुग्गेवार का बेटा निकला। जब उसकी तलाशी ली गई तो पैंट की जेब में 4 झिपलॉक पाउच में एमडी ड्रग्स बरामद हुआ।
ड्रग डीलर की फिट बॉडी, मगर दिमाग में ज़हर!
संकेत एक फिटनेस फ्रीक है, उसकी बॉडी देखकर कोई नहीं कह सकता कि वह नशे का सौदागर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह प्रोटीन पाउडर के साथ एमडी ड्रग्स का सेवन करता था और खुद की सप्लीमेंट शॉप भी चलाता है। लेकिन जिम की मशीनों से शरीर गढ़ने वाला ये युवक नशे के धंधे में खुद को तबाह कर गया।
सियासी कनेक्शन और सवालों के घेरे में बाप-बेटा!
संकेत का नाम सामने आते ही सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। उसके पिता अजय बुग्गेवार पूर्व पार्षद और भाजपा के सक्रिय नेता हैं, जो एक समय पूर्व विधायक के करीबी माने जाते थे। पानठेले से राजनीति की राह पर चलकर नगरसेवक बने अजय अब अपने बेटे की करतूत से छवि संकट में हैं।
प्रणय बाजारे की तलाश, नेटवर्क की जांच शुरू
संकेत से पूछताछ में सामने आया कि वह प्रणय बाजारे (25) नामक युवक के साथ मिलकर ड्रग्स बेचता था। प्रणय फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। दोनों ने मिलकर नशे के सौदे को एक बिज़नेस मॉडल की तरह चलाया। पुलिस अब इनके सप्लायर और ग्राहकों के नेटवर्क को खंगाल रही है।
कड़ी धाराओं में मामला दर्ज, पुलिस रिमांड
गणेशपेठ पुलिस ने NDPS एक्ट की धारा 8(क), 21(ब), 29 के तहत मामला दर्ज कर संकेत को गिरफ्तार किया है। रविवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां 15 जुलाई तक पुलिस हिरासत का आदेश दिया गया है। कार्रवाई अपर आयुक्त राजेंद्र दाभाडे, उपायुक्त राहुल मदने, एसीपी अनिता मोरे के मार्गदर्शन में निरीक्षक युनूस मुलानी के नेतृत्व में की गई।
नागपुर को नशा मुक्त बनाने की जंग में बड़ा झटका!
पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल के नेतृत्व में चल रही नशा विरोधी मुहिम को इस गिरफ़्तारी ने नई दिशा दी है। मगर यह भी साबित हो गया कि ड्रग्स का जाल अब सिर्फ गली-कूचों तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीति के आंगन तक फैल चुका है।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि पुलिस इस नेटवर्क की कितनी परतें उधेड़ पाती है। क्या ये महज एक गिरफ्तारी है या किसी बड़े सिंडिकेट की कड़ी? जवाब आने वाला वक्त ही देगा।










