नई दिल्ली | विशेष रिपोर्ट – Nagpur Today “यह केवल तस्करी नहीं… यह भारत की आत्मा पर योजनाबद्ध हमला है।”
देश की आंतरिक सुरक्षा को झकझोर देने वाला एक बड़ा खुलासा सामने आया है। एक ट्रांसपोर्टर के पास मिला मोबाइल फोन, करोड़ों रुपये के राष्ट्रविरोधी नेटवर्क का दरवाज़ा खोलने की चाबी बन गया।
बॉर्डर ट्रेड की आड़ में चला राष्ट्रद्रोह का गुप्त खेल:
जांच में पता चला कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और इंडोनेशिया जैसे देशों से जुड़े नेटवर्क भारत में हवाला, तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे थे।
देश के भीतर शेल कंपनियों, फर्जी GST बिलों और क्रिप्टो ट्रांजैक्शनों के ज़रिये यह पूरा सिस्टम लंबे समय से सक्रिय था।
मोबाइल से सामने आया देशविरोधी षड्यंत्र का पूरा नक्शा:
- पाकिस्तानी एजेंट्स से कोडवर्ड में हवाला चैट्स
- बांग्लादेशी नेटवर्क से तय रूट और सौदे
- इंटरनेशनल लेन-देन के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल
- दाऊद इब्राहिम के नाम पर धमकी: “सुपारी भेज देंगे!”
- सरकारी अफसरों के कोडनेम – ‘O Nurse’, ‘Wife’, ‘JD’, ‘शिवा अन्ना’, ‘पुन्नू’
एक ट्रांसपोर्टर की ‘ना’ से देश को मिला बड़ा सुराग:
ट्रांसपोर्टर ने म्यांमार से घटिया सुपारी लाने से इनकार कर दिया। जवाब मिला – “दाऊद का नाम सुना है?”
लेकिन उसने डरने की बजाय सबूत सौंपे – मोबाइल डेटा, जिसमें हवाला नेटवर्क की कड़ियाँ, विदेशी फंडिंग के चैट्स और संदिग्ध अफसरों के नाम दर्ज थे।
क्या अंधविश्वास भी बना देशविरोध का उपकरण?
मोबाइल में मिले तांत्रिकों से बातचीत के स्क्रीनशॉट — मारण, उच्चाटन, और भय फैलाने की तांत्रिक विधियों का ज़िक्र — सवाल उठाता है कि क्या अंधविश्वास के ज़रिये सत्ता और तंत्र को प्रभावित करने की कोशिश हो रही थी?
सरकारी तंत्र पर गंभीर सवाल:
फोन डेटा में सामने आए कोडनेम ‘O Nurse’, ‘Wife’, ‘JD’, ‘शिवा अन्ना’ जैसे नामों का बार-बार संपर्क फारूक नूरानी नामक व्यक्ति से हुआ, जो विभिन्न जांच एजेंसियों की पकड़ से अब तक बाहर रहा है।
क्या ये कोडनेम सिर्फ कॉल रिसीव कर रहे थे या किसी गहरे षड्यंत्र का हिस्सा थे?
पाकिस्तान से इंडोनेशिया तक फैला नेटवर्क:
- कराची के ‘सुभान’ से लगातार संपर्क
- पुलवामा हमले से पहले इंडोनेशिया में मीटिंग
- पुरानी नोटों की सीरीज़ से हवाला लेन-देन
- फर्जी कंपनियों के नाम पर अरबों का कारोबार
सामने आए प्रमुख नाम:
- फारूक नूरानी – खुद को दाऊद का रिश्तेदार बताने वाला मास्टरमाइंड
- वरुण और दीपक साधवानी – हवाला और सुपारी डील्स में सक्रिय
- शिवा अन्ना, दीपक शाह, पुन्नू (बनारस), राजू अन्ना उर्फ शिनोय, भावेश हवाला – जांच एजेंसियों की रडार पर
- Sanmarg कंपनी – जांच के घेरे में, असली उद्देश्य पर सवाल
ट्रांसपोर्टर की अपील: “देश को बचाना है, मुझे सुरक्षा चाहिए”
पीड़ित ट्रांसपोर्टर ने जांच एजेंसियों तक अपनी बात पहुंचाई है।
उसका कहना है – “मेरे पास ऐसे सबूत हैं जो न केवल तस्करों, बल्कि पूरे तंत्र की पोल खोल सकते हैं।”
अब समय है निर्णायक कार्रवाई का। अगर अफसर, कारोबारी और अपराधी एकजुट हो जाएं, तो यह केवल भ्रष्टाचार नहीं, राष्ट्रद्रोह है। जांच एजेंसियों को बिना देरी के सख्त कदम उठाने होंगे।