नागपुर: छत्रपति शिवाजी महाराज के 352वें शिवराज्याभिषेक समारोह को सोमवार को तिथि अनुसार पूरे महाराष्ट्र में पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। नागपुर स्थित महल क्षेत्र के गांधी गेट स्थित शिवतीर्थ पर आयोजित मुख्य समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और नागरिक शामिल हुए।
समारोह की शुरुआत सुबह 5:30 बजे शिवाजी महाराज की पालकी यात्रा से हुई, जो शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए शिवतीर्थ पर समाप्त हुई। इस भव्य शोभायात्रा में घोड़े, ढोल-ताशे, ध्वजवाहक, बैंड, शिवकालीन परिधान में सजे युवक-युवतियां, बच्चे, महिलाएं और पारंपरिक मुद्रा टोली शामिल रहीं।
शिवतीर्थ पर पहुँचने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर दुग्धाभिषेक, पूजन, माल्यार्पण और आरती की गई। जय भवानी, जय शिवाजी के नारों से आकाश गूंज उठा, जिससे पूरे परिसर में वीररस का वातावरण बन गया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने शिवाजी महाराज के आदर्शों – राष्ट्रभक्ति, धर्मनिष्ठा और जनकल्याण – को रेखांकित करते हुए युवाओं से उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया।
ढोल वादन का विशेष प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें नागपुर के विभिन्न ढोल पथक शामिल हुए। इसके साथ ही शिवकालीन युद्धकला व खेलों का प्रदर्शन भी किया गया।
इस ऐतिहासिक समारोह में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी शामिल हुए। उन्होंने मंच से कहा, “आज इस आयोजन में शामिल होकर ऐसा लग रहा है मानो मैं उसी युग में पहुंच गया हूँ। शिवाजी महाराज की प्रेरणा से ही सब संभव है।”
उन्होंने यह भी कहा, “शंभाजी महाराज को जो पीड़ा दी गई, हम उसे भूले नहीं हैं और न ही भूलेंगे। बहुत कुछ किया गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।”