Published On : Mon, Jun 2nd, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

पिपला ग्राम पंचायत घोटाला : सचिव सहित तीनों आरोपियों को झटका, अदालत ने खारिज की जमानत अर्जी

सरकारी खजाने को नुकसान, न्यायालय का सख्त रुख
Advertisement

नागपुर:  जिला परिषद की पूर्व सभापति के पति द्वारा पिपला ग्राम पंचायत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किए गए भूमि घोटाले में भले ही उन्हें उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत मिल गई हो, लेकिन मामले में लिप्त अन्य तीन आरोपियों—ग्राम पंचायत सचिव धर्मेन्द्र बंसोड, राजेन्द्र नारनवरे और संतोष महतो को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी.एम. नागलकर ने कोई राहत नहीं दी। कोर्ट ने तीनों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

एफआईआर दर्ज, जांच में खुली पोल
उल्लेखनीय है कि मामले की जांच के बाद खापरखेडा थाने में संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए तीनों आरोपियों ने जिला सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।

Gold Rate
06 June 2025
Gold 24 KT 98,000/-
Gold 22 KT 91,100/-
Silver/Kg 1,06,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

दलील : भूमि कानूनी रूप से खरीदी गई थी
राजेन्द्र नारनवरे और संतोष महतो की ओर से दाखिल अर्जी में दावा किया गया कि उन्होंने जमीन कानूनी तौर पर खरीदी थी और गावठाण प्रमाण पत्र व कर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था। उन्होंने झूठे दस्तावेज तैयार करने या धोखाधड़ी से इनकार किया और कहा कि वे कोर्ट द्वारा तय किसी भी शर्त को मानने को तैयार हैं।

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि यह गावठाण भूमि है और ग्राम पंचायत को ऐसे दस्तावेज जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। घोटाले के कारण सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है, और आरोपियों की हिरासत में पूछताछ जरूरी है।

धर्मेन्द्र बंसोड की याचिका भी खारिज
सचिव धर्मेन्द्र बंसोड की ओर से भी अलग से जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। उनके वकील ने दलील दी कि बंसोड केवल एक माह के लिए पदस्थ थे और उन्होंने सिर्फ प्रमाण पत्र जारी किए, जिससे उन्हें कोई मौद्रिक लाभ नहीं हुआ। उन्होंने भी न्यायालय से समानता के आधार पर राहत की मांग की, जैसा कि विष्णु कोकड्डे को हाईकोर्ट से मिली है।

हालांकि, अदालत ने रिकॉर्ड और अभियोजन पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए तीनों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

निष्कर्ष : कोर्ट ने कहा—हिरासत में पूछताछ जरूरी, सरकारी धन की हानि गंभीर मुद्दा
इस फैसले से स्पष्ट है कि न्यायालय सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर कोई ढील देने के पक्ष में नहीं है। अब तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement