Published On : Sat, Apr 3rd, 2021

अपने आमदार के बोलो,मनपायुक्त से बात कर लें

Advertisement

– सीसी रोड फेज-2 टेंडर सह भुगतान घोटाला पर मुख्य अभियंता के नेतृत्व में बनी जाँच समिति की रिपोर्ट मांगने पर एक विधायक के नुमाइंदे को दिया गया जवाब

नागपुर – नागपुर महानगरपालिका के इतिहास में बड़े घोटालों में से एक सीमेंट सड़क फेज-2 के टेंडर सह भुगतान घोटाला को नवंबर 2020 से दबाने की कोशिश खुद बतौर जाँच समिति प्रमुख व मनपा की प्रभारी मुख्य अभियंता कर रही.जिसे मनपा प्रशासन का सीधा वरदहस्त हैं,क्यूंकि इस षड्यंत्र में ठेकेदार सह मनपा के सम्बंधित आला अधिकारी के शामिल होने पर उन पर किये जाने वाले कार्रवाई का छींटा मनपा प्रशासन पर भी पड़ने वाला हैं.इस मामले में हो रही देरी को लेकर राज्य के एक जागरूक विधायक ने मुख्य अभियंता से रिपोर्ट की मांग की और अपने नुमाइंदे को उनसे संपर्क कर रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया तो मुख्य अभियंता ने विधायक के नुमाइंदे को करारा जवाब दिया कि रिपोर्ट आयुक्त को भेज दी गई हैं,अपने विधायक से कहो आयुक्त से संपर्क करें।दूसरी ओर लकड़गंज जोन के पूर्व DEPUTY ENGINEER GEDAM और पूर्व EE BISEN (जो फ़िलहाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं) वे BACK DATE में M/S DC GURBAKSHANI की ओर से पेश किया जाने वाला FINAL BILL पर हस्ताक्षर कर ठेकेदार को लाभ पहुँचाने की साजिश रच रहे हैं,सूत्र बतलाते हैं कि आने वाला सप्ताह में इस घटनाक्रम को अंजाम दिया जाएगा।

Gold Rate
02 july 2025
Gold 24 KT 97,500 /-
Gold 22 KT 90,700 /-
Silver/Kg 1,06,600/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

गत वर्ष सितंबर माह में उक्त मामला NAGPUR TODAY ने मनपा PWD(LAKADGANJ) और CAFO(NMC) के द्वारा दर्शाये गए मार्ग RTI के मार्फ़त सबूत इकठ्ठा कर M/S ASHWINI INFRA,MUMBAI AUR M/S DC GURBAKSHANI को TENDER CONDITION का उल्लंघन कर दिए गए टेंडर और इस दौरान समय-समय पर टेंडर शर्तों का उल्लंघन कर किये गए किश्तों में करोड़ों का भुगतान का पर्दाफाश किया।

इसके बाद NAGPUR TODAY ने तत्कालीन महापौर संदीप जोशी,तत्कालीन स्थाई समिति सभापति पिंटू झलके,आयुक्त राधाकृष्णन बी,मुख्य अभियंता लीना उपाध्ये,तत्कालीन CAFO,वर्त्तमान CAFO कोल्हे,तत्कालीन SE तालेवार,तत्कालीन EE(लकड़गंज) को एक नहीं 3-3 पत्र लिख उक्त धांधली/घोटाला सबूत सह पेश करते हुए नियमानुसार कार्रवाई की मांग की.

उक्त अधिकारी/पदाधिकारियों में से सिर्फ महापौर संदीप जोशी ने गंभीरता दिखाई और एक जाँच समिति गठित की,इससे सकपकाए मनपायुक्त ने उसे गैरकानूनी समिति करार कर सिर्फ अधिकारी व क़ानूनी सलाहकार की एक समिति मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में गठित की.इस समिति की मुखिया CE ने अपने पुराने निकटतम व दोषी ठेकेदार कंपनी DC GURBAKSHANI को बचाने के लिए नाना प्रकार के हथकंडे अपनाए,यहाँ तक की समिति सदस्यों पर भी GURBAKSHANI के पक्ष में तैयार की गई रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की.जिसमें सिरे से असफल रही.अन्य सदस्यों के अनुसार मुख्य अभियंता ने इसके बाद महीनों बैठक नहीं ली.

उल्लेखनीय यह हैं कि जब आयुक्त ने तत्कालीन महापौर द्वारा अधिकारी-पदाधिकारी की समिति को निरस्त कर दिया था और सिर्फ अधिकारी सह क़ानूनी सलाहकार की एक नई समिति गठित की.अर्थात इस समिति की रिपोर्ट सबसे पहले आयुक्त के हवाला किया जाना चाहिए थे लेकिन मुख्य अभियंता ने DC GURBAKSHANI को बचाने के उद्देश्य से पूर्व स्थाई समिति सभापति तक रिपोर्ट की प्रत पहुंचाई।जिसका किसी EE से अध्ययन करवाकर उसी दिन सभापति ने DC GURBAKSHANI प्रतिनिधि OM या RAJU से मुलाकात कर कुछ बड़ा समझौता किये जाने की खबर मिली हैं.

इसी दौरान एमओडीआई फाउंडेशन (MODI FOUNDATION) सह तत्कालीन महापौर पत्र व्यवहार कर जाँच रिपोर्ट में देरी पर शंका जताई,जिसे जल्द प्रस्तुत कर दोषी अधिकारी/ठेकेदार पर कार्रवाई करने की मांग की.इसी दरम्यान राज्य के एक जागरूक विधायक ने मुख्य अभियंता से चर्चा कर उक्त रिपोर्ट की मांग सह जानकारी समझने के लिए अपने नुमाइंदे को भेजने की सूचना दी.मुख्य अभियंता की सहमति बाद उक्त विधायक का नुमाइंदे ने उनसे संपर्क किया तो मुख्य अभियंता ने दो टूक जवाब दिया कि “अपने विधायक से कहो आयुक्त से संपर्क करें”.

मुख्य अभियंता द्वारा अचानक तत्परता दिखाने के पीछे का कई कारण सामने आ रहा.
1. – पूर्व स्थाई समिति सभापति के निर्देश पर कुछ समिति सदस्यों को पक्ष में लेकर M/S ASHWINI INFRA,MUMBAI AUR M/S DC GURBAKSHANI को बचाने संबंधी हकीकत से छेड़छाड़ किया गया होगा।
2.- पूर्व महापौर संदीप जोशी के पत्र व्यवहार से भयभीत होकर।
3.- उक्त जागरूक विधायक को रिपोर्ट न देने के उद्देश्य से।

उल्लेखनीय यह भी हैं कि मुख्य अभियंता ने रिपोर्ट को छेड़छाड़ कर या फिर जस के तस आयुक्त को सौंप अपना पल्ला झड़क दिया और गेंद अब आयुक्त राधाकृष्णन बी के पाले में डाल दिया,वे क्या रुख करते हैं.आयुक्त के निर्णय से मनपा में नया ट्रेंड की शुरुआत होने वाली हैं या तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा अर्थात टेंडर घोटाले होते रहेंगे या फिर पूर्णतः अंकुश लग जाएगा। या भी सम्भव हैं कि मामले को दबाने के लिए आयुक्त रिपोर्ट पर कार्रवाई करेंगे ही नहीं,जब कभी कोई आवाज उठाएगा कह देंगे अभी कोरोना प्राथमिकता हैं ?

मनपा में GURBAKSHANI प्रतिनिधि के अनुसार सीमेंट सड़क फेज-2 का फाइनल बिल तैयार किया जा चूका हैं,सभी बेरिकेटिंग्स मार्च माह में लौटाए जा चुके हैं,अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पूर्व EE बिसेन और पूर्व DEPUTY गेडाम का उस फाइनल बिल पर BACK DATE में हस्ताक्षर लेकर वित्त विभाग तक पहुँचाया जाएगा।विवादास्पद वित्त विभाग प्रमुख कोल्हे जब से मनपा में आये हैं,वे DC GURBAKSHAANI के पक्ष में ब्यानबाजी कर रहे,शंका हैं कि उक्त मामले का रिपोर्ट अनुसार कार्रवाई पूर्व फाइनल भुगतान करने के फ़िराक में वित्त विभाग नज़र आ रहा.

Advertisement
Advertisement