Published On : Sat, Feb 20th, 2021

दान बनाता है पुण्य का भागीः योगेश कृष्ण महाराज

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निरंजन नगर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

नागपुर: अन्नदान, वस्त्रदान, ज्ञानदान, अभयदान और धनदान, ये सारे दान इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं. किसी भी वस्तु का दान करने से मन को सांसारिक आसक्ति यानी मोह से छुटकारा मिलता है. हर तरह के लगाव और भाव को छोड़ने की शुरूआत दान और क्षमा से होती है. उक्त उद्गार कथा वाचक योगेश कृष्ण महाराज ने सर्वजन कल्याणार्थ सामूहिक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महोत्सव के दूसरे दिवस दान का महत्व समझाते हुए कहे. श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन निरंजन नगर नागरिक उत्सव मंडल की ओर से 26 फरवरी तक आनंदवर्धन हनुमान मंदिर, बेलतरोडी में किया गया है.

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कथा व्यास ने आगे कहा कि दान एक ऐसा कार्य है जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक-ठाक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं. आयु, रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है. जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए दान का विशेष महत्व है. दान का भाव हमें समाज व प्राणीमात्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना सिखाता है. किंतु दान की महिमा भी तभी होती है जब वह निःस्वार्थ भाव से किया जाए. यह समझने वाली बात है कि देना उतना जरूरी नहीं होता जितना कि ‘देने का भाव’. दान का अर्थ होता है देने में आनंद, एक उदारता का भाव, प्राणीमात्र के प्रति एक प्रेम व दया का भाव.

गीता में कहा गया है कि कर्म करो, फल की इच्छा मत करो. हमारा अधिकार केवल अपने कर्म पर है उसके फल पर नहीं. आज के परिप्रेक्ष्य में दान का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है कि आधुनिकता एवं भौतिकता की अंधी दौड़ में हम लोग दान देना तो जैसे भूल ही गए हैं. हर संबंध व हर रिश्ते को प्रेम, समर्पण, त्याग व सहनशीलता से दिल से सींचना आवश्यक है.

व्यास पीठ का पूजन पंडित नरेंद्र- सुधा मिश्रा, सीताशरण- शांति तिवारी, सच्चूशरण- निर्मला तिवारी, अशोक- संगीता मिश्रा, नरेंद्र- कविता मिश्रा, सहित अन्य ने किया. कथा का समय दोपहर 2 से 6 रखा गया है. सभी भक्तों से मास्क पहनकर आने का अनुरोध किया गया है.

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