Published On : Mon, Aug 10th, 2020

कोरोना के चलते गई जान, 74 साल के बुजुर्ग के शव को दफनाने से कब्रिस्तान ने किया इनकार

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नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में कोरोना वायरस के संक्रमण से जान गंवाने वाले 74 साल के बुजुर्ग के शव को कब्रिस्तान में जगह न मिलने के बाद महानगर पालिका की जमीन में दफनाया गया। स्थानीय ईसाई कब्रिस्तान ने यह कहते हुए शव को दफन करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था कि वह दाह संस्कार के बाद सिर्फ उनकी अस्थियों को दफनाने की अनुमति देगा।

मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता का नागपुर के एक सरकारी अस्पताल में एक अगस्त से इलाज चल रहा था और रविवार सुबह उनकी मौत हो गई। वह स्थानीय प्रोटेस्टेंट चर्च के सदस्य भी थे। उन्होंने बताया कि परिवार ने जरीपटका ईसाई कब्रिस्तान से उनको दफनाने के लिए संपर्क किया। कब्रिस्तान की समिति के एक सदस्य ने उनसे कहा कि कोविड-19 महामारी फैली हुई है और कब्रिस्तान कुछ रिहायशी परिसरों के नजदीक है, इसलिए वहां उनकी अस्थियां ही दफन की जा सकती हैं।

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मृतक के बेटे ने बताया, ‘हम चाहते थे कि शव को दाह संस्कार किए बिना पारंपरिक तरीके से दफनाया जाए। इसके लिए हमें इजाजत नहीं मिली। वे नहीं चाहते थे कि जरीपटका में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले को दफन किया जाए।’ देर हो रही थी और नागपुर महानगर पालिका (एनएमसी) के अधिकारी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए परिवार की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे।

मृतक के बेटे ने बताया, ‘हमें निर्णय करना था तथा वे (एनएमसी) हमें मनकापुर श्मशान परिसर में दफानाने के लिए जगह देने को तैयार थे। मेरे पिता को वहां ईसाई परंपरा के मुताबिक दफन कर दिया गया।’ एनएमसी के एक अधिकारी ने संपर्क करने पर बताया कि जरीपटका कब्रिस्तान दलदली है और वहां कब्र खोदने में दिक्कत होती है। इसके अलावा परिवार को वहां शव को दफन करने की इजाजत नहीं मिल रही थी। उन्होंने कहा, ‘हमने दफन करने के लिए एक वैकल्पिक जमीन उन्हें मुहैया करा दी, जिसके लिए परिवार सहमत था। अन्य धर्मों के लोगों की कब्रें भी वहां पर हैं।’

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