काटोल – काटोल तहसील में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण करने के लिये अब, नागरिकों को स्वयं आगे आना चाहिए जिससे कोविद 19 के का परीक्षण कराने के लिये खुद आगे आना चाहिये। इस महत्वपूर्ण मसले पर सहयोग के लिये निजी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वाले डॉक्टरों, पत्रकारों, जन प्रतिनिधियों, तथा प्रशासनिक अधिकारी तथा कर्मचारीयों ने भी के कोव्हिड 19के जांच के लिये आगे बढकर काम करने की उम्मीद है। जिससे कोव्हिड संक्रमण पर बुत हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
साथ ही आज कोरोना के बारे में लोगों के बीच जो भय पैदा हुआ है, उसे जन जागरूकता और संवाद के माध्यम से इस पर सकारात्मक सोच बनायी जा सकती है।, यह जानकारी जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे के प्रमुखता में आपत्ति व्यवस्थापन उप विभागीय अधिकारी श्रीकांत उंम्बरकर के कार्यालय, कटोल में आयोजित एक बैठक में जन संवाद का आयोजन किया गया था। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंम्बेटकर, उपविभागीय पुलिस अधिकारी नागेश जाधव, तहसीलदार अजय चारड़े, नगराध्यक्ष वैशाली ठाकुर, उपाध्यक्ष सुभाष कोठे, पंचायत समिति के सभापती धम्मपाल खोब्रागडे, उपसभापती अनुराधा खराडे, पुलिस निरीक्षक महादेव आचरेकर, खंड विकास अधिकारी विजय ढापके, डॉ। सुधीर वाघमारे, डॉ। नरेंद्र डोमके, डॉ। सचिन चिंचे , डॉ। अमोल करांगले, डॉ।
अमित बंड के उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने आगे बताया कि लॉकडाउन ही एक विकल्प नहीं है क्योंकि यह समय की खेती किसानी का समय है।
ऐसी स्थिति में फसलों की खेती किसानी के अवसर पर कोव्हिड 19 के संक्रमितों के क्षेत्र को बीस -अट्ठाईस दिनों तक कॅरेंटीन होने पर किसानों के समक्ष गंभीर समस्या उपस्थित हो सकती है , साथ ही व्यापारी प्रतिष्ठानों में मास्क तथा सैनिटायजर बहुतही आवश्यक होता है। इस दिशा निर्देश का पालन नही करने वालों पर अनुशासनात्क तथा दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान बनाया गया है । इसी प्रकार शहर में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वाले डॉक्टरों द्वारा प्रतिदिन मरीजों की जानकारी तहसील कार्यालय को देना अनिवार्य किया गया है ।