Published On : Wed, Jun 24th, 2020

जि.प चुनाव की कसरत: कांग्रेस ने गोंदिया- भंडारा के जिला अध्यक्ष को बदला

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कटरे की जगह किरसान , गणवीर की जगह पंचभाई को मौका

गोंदिया-भंडारा जिला परिषद का कार्यकाल 6 जुलाई को खत्म होने वाला है । आगामी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान ने दोनों जिलों के कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्षों को बदलने का फैसला किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने बुधवार 24 जून को पत्र जारी करते हुए भंडारा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रेमसागर गणवीर की जगह अब जिला परिषद सदस्य रहे तथा सीनियर कांग्रेसी नेता मोहन विट्ठलराव पंचभाई जो कि पवनी के निवासी हैं इनकी ताजपोशी जिला अध्यक्ष पद पर की है।

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उसी प्रकार विगत 13 वर्षों से गोंदिया जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद संभाल रहे तथा पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल के करीबी रहे पुरुषोत्तम ( बाबा ) कटरे इनकी जगह आदिवासियों के गोंदिया जिले के नेता तथा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष डॉ.नामदेवराव किरसान इन्हें गोंदिया जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

हमने दोनों जिला अध्यक्षों के बदलने को लेकर कुछ सीनियर कांग्रेसी नेताओं से बात की उन्होंने कहा-यह पार्टी का रूटिंग प्रोसेस है , जनरली 3 से 5 साल में जिलाध्यक्ष बदल दिया जाता है।
पुरुषोत्तम बाबा कटरे यह एक सीनियर पॉलिटिशन है और विगत 13 वर्षों से जिला अध्यक्ष पद पर बने हुए थे , उनकी जगह किसी नए नाम के चयन की मांग कांग्रेस जनों द्वारा काफी लंबे अरसे से की जा रही थी इस दौरान तीन जिलाध्यक्ष बदले जा सकते थे? अब जाकर पार्टी आलाकमान ने इस पर फैसला लिया है।

जिला परिषद चुनाव कांग्रेस पूरे दम से लड़ेगी
कार्यकर्ता मिलकर ही पार्टी बनाते हैं ऐसे में ग्रास रूट से जुड़े कार्यकर्ताओं का सम्मान जरूरी होता है । नया जिलाध्यक्ष जो भी बनता है वह 1- 2 साल अच्छी वर्किंग करता ही है ? लिहाज़ा नए उत्साह और नए जोश के साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता आगामी जिला परिषद चुनाव की बागडोर संभालेंगे और निश्चित ही आश्चर्यजनक परिणाम दिखाई देंगे तथा गोंदिया- भंडारा जिला परिषद चुनाव रिजल्ट पश्चात कांग्रेस पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी ऐसा जमीनी स्तर से जुड़े कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को विश्वास है।

क्या गोपालदास अग्रवाल के साथ गए , कांग्रेसियों की होगी घर वापसी ?
विशेष उल्लेखनीय है कि 7 माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव मैं कांग्रेस पार्टी से 27 वर्षों का नाता तोड़कर गोपालदास अग्रवाल ने भाजपा में प्रवेश करते हुए कमल चुनाव चिन्ह से भाग्य आजमाया , वे गोंदिया विधानसभा सीट पर चुनाव हार गए।

इस दौरान उनके प्रचार की बागडोर आधे से अधिक कांग्रेसियों ने संभाली थी ।

अब क्या वे कांग्रेसी न.प पार्षद , जिला परिषद सदस्य , पंचायत समिति सदस्य व अन्य पदाधिकारी रमेश अंबुले की तर्ज पर क्या फिर से कांग्रेस में घर वापसी करते हुए , पंजा चुनाव चिन्ह के हाथ मजबूत करेंगे ?

इस बात पर निगाहें लगी है।

रवि आर्य

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