Published On : Wed, Apr 15th, 2020

गोंदिया:फूल उत्पादक किसानों की कमर टूटी

धार्मिक स्थल बंद , शादी समारोह पर बंदिश

गोंदिया: कहीं खेतों में सूखते फूल, तो कहीं खरीददार की आस लगाए बैठा किसान, कुछ एैसा ही हाल है इन दिनों गोंदिया जिले के उन फूल उत्पादक किसानों का जिनके व्यवसाय की देशव्यापी लाकडाऊन ने कमर तोड़ दी है। इस धंधे के चौपट होने की सबसे बड़ी वजह है , इन फूलों की बिक्री न होना.

Gold Rate
18 Aug 2025
Gold 24 KT ₹ 1,00,100 /-
Gold 22 KT ₹ 93,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,15,400/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

गोंदिया जिले के कई किसान अपने धान की पारंपरिक खेती से हटकर अब फलों और फूलों की खेती भी करने लगे है लेकिन एैसे किसानों की मुश्किलें कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाऊन ने बढ़ा दी है, नतीजा यह है कि, किसान अब अपने ही खेत में उगे, उन्हीं फूलों को बर्बाद कर रहे है जिनकी खेती उन्होंने बड़ी उम्मीदों से की थी।

अगर यहीं फूल बाजारों की मंडी में आ जाते तो खरीदने वालों को इसकी सुगंध मिलती और किसानों को जिंदगी चलाने का जरिया..।
इन फुलों को अपने खेतों में सूखता और नष्ट होता देख इन किसानों के सामने अपना परिवार पालने का संकट खड़ा हो गया है।

किसानों का कहना है कि, लॉकडाउन की वजह से मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च और सभी धार्मिक स्थल दर्शनार्थियों हेतु बंद है। शादी-विवाह समारोह भी रद्द होने से फूल कारोबारियों में इन फुलों की कोई डिमांड नहीं रही। इसलिए वे अपने ही खेत अब उजाड़ कर कोई दुसरी फसल लगाने हेतु मजबूर हो गए है। पहले फूलों की खेती से अच्छी आमदनी भी कर लेते थे, काम धंधा भी ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन देशव्यापी लॉकडाऊन ने फूलों का कारोबार ही चौपट कर दिया है। हालात यह है कि, बीजोत्पादन, पानी और तुड़ाई का खर्चा भी नहीं निकल रहा ,हमारा तो बहुत बड़ा नुकसान हो गया है।

पहले नागपुर-गोंदिया, रायपुर ओर आसपास की मंडियों में फूल बिकता था लेकिन सभी त्यौहार और शादी स्टेज सजावट के प्रोग्राम रद्द हो जाने की वजह से इन फूलों का कोई अब खरीददार नहीं मिल रहा है।

मार्केट की स्थिति बहुत खराब है, बिक्री हो नहीं रही इसलिए खेत से फूल तोड़कर लाकर रखा जा रहा है और पड़े-पड़े ढेर सूखकर नष्ट हो रहे है।
खराब होने से अब इन ढेरों को फेंका जा रहा है? क्या किया जाए अब इनका?

अपनी बर्बादी की कहानी सूना रहे इन किसानों ने बताया- गेंदा, गुलाब, जाफरी, जरबेरा, नरगिस इन फूलों की खेती उन्होंने इस वर्ष की थी, सिर्फ गुलाब के फूलों की पखुड़ियों को तोड़कर सूखा रहे है ताकि, अगरबत्ती और इत्र बनाने के लिए इन्हें बेचा जा सके।
फूल उत्पादकों को सरकार दे आर्थिक मुआवजा सरकार को चाहिए कि, वह हम फूल उत्पादकों की भी आर्थिक दशा देख हमारी बात सुने,अब तो हम उसी से आस लगा रहे है।

हम किसानों को भी धान उत्पादक किसानों जैसा ही मुआवजा मिलेगा तभी हमारी स्थिति में सुधार हो सकेगा।

कुल मिलाकर गोंदिया में फूलों की खेती करने वाले किसान ही नहीं, उन्हें बेचने वाले दुकानदार भी बेहाल है। न खरीददार मिल रहे, न फूलों के दाम.. फूल उत्पादक किसानों को लॉकडाऊन ने तबाही के मुहाने पर ला दिया है एैसे में अब सरकार ही है जो इनकी मदद कर इन्हें कर्ज के जाल में उलझने से बचा सकती है।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement