१४ एप्रिल महामानव विश्व रत्न डॉक्टर बाबासाहब अंबेडकर का जन्मदिन.
दबे, कुचले, दीन, हीन और दुर्बल, जन को मुक्ती दिलानेवाले महापुरुष का १४ एप्रिल को जन्मदिवस भारत मे ही नही अपितु पुरे विश्व मे सादगी के साथ मनाया जाता हैं.
कही सेंकडो की तादाद मे रहे हुये संस्थानें देश की आजादी के समय पर भारत मे विलय करके सारे देश को एक धागे मे पिरोकर मजबूत राष्ट्र की नींव रखनेवाले बाबासाहब का 14 एप्रिल का जन्मदिन हम हर साल मनाते हैं.
इस मौके पर हम जुलूस निकालते है, जहाँ डॉ.बाबासाहाब अंबेडकरजी का पुतला है तथा बौद्ध विहार मे इकठ्ठा होते हैं, सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करते है. संगीत महफिल और सांकृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. ग्रंथ पठण और स्पर्धा का आयोजन करते है. प्रबोधनात्मक व्याख्यानों का आयोजन करते हैं.
मुंबई ,औरंगाबाद , नागपूर ,पुणेसहित महाराष्ट्र के हर नगर, देशके हर गावो और कसबे मे मनमोहक खूबसुरत कार्यक्रमों का आयोजन हर स्तर पर होता हैं. हर कोई इस अवसर को अपने तरिकेसे मनाता हैं.
गरीब, मजदूर, कामगार, नोकरदार से लेकर बडे बडे अफसर, प्रशासक, विधायक, खासदार और मंत्री इस उत्सव मे शरीक होते हैं.
बाबासाहब को चाहनेवाले और उनको माननेवाले लोग समाज के हर तबके से आते हैं. उनके विचार और प्रेरणा के स्रोत तो बाबसाहबही हैं. प्रगतीशील भारत के वे उर्जाकेंद्र बने हैं.
डॉ. बाबासाहब अंबेडकर की विचारधारा का प्रसार प्रचार बहोतही बडे पैमानेपर देश और दुनियामे हो रहा है और उस आभासे चारों दिशांये प्रकाशमान होती जा रही हैं.
लेकीन कोरोना विषाणू की आज की हालात मे सब तरफ निराशा का माहोल बन चुका हैं. इसलीये इस वर्ष हम सब दुःखी है. इसकी मुझे कल्पना हैं.
इस हालात मे हम लोग कुछ अलग तरिका अपनाकर डॉ बाबासाहब की जयंती उत्सव मना सकते है. इसलीये आप सबसे मेरा अनुरोध है की आप निम्नप्रकारसे कार्यक्रम का आयोजन करे.
१) १४ एप्रिल को आप अपने घर से बाहर ना निकले. डीजे , जुलूस और किसी भी प्रकार का सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन ना करे.
2) इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ शुभ्र परिधान पहनकर अपने घर मे डॉ. बाबासाहब अंबेडकर और तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा का पूजन करे. त्रिशरण पंचशील और गाथा का उच्चारन करे.
३) इस शुभ दिन हमारे पडोस मे रहने वाले जरूरतमंद गरीब का अगर चुला ना जले तो उनके भोजन की व्यवस्था करके अपना सामाजिक दायित्व निभाये.
४) इस अवसरपर कमसे कम 10 हमारे आदरणीय और प्रियजन को फोनपर बधाई दे. डॉ. बाबासाहब के विचारपर बातचीत करे और विचारों का आदान -प्रदान करे.
५)इस दिन हम यह संकल्प करे की डॉ. बाबासाहब की विचारधारा को आगे ले जाने के विषय वर चिंतन करे और समाज के हर तबके तक इसे पहुंचाये.
६)इस दिन हम धनंजय कीर और चा.भ. खैरमोडे लिखित डॉ. बाबासाहब अंबेडकर जीवन चरित्र का अध्ययन करे और अगर संभव हो तो बाबासाहब अंबेडकर लिखित “अँनिहिलेशन ऑफ कास्ट” , “हू वेअर द शुद्राज”, “भारतीय संविधान” और “बुद्ध और उनका धम्म” इत्यादि ग्रंथ का अध्ययन करके संध्या के अवसर पर अपने परिवार के साथ चर्चा करें.http://drambedkarwritings.gov.in/content/
७) १४ एप्रिल को ” विश्व ज्ञान दिन” के रूप में अपने घर मे मनाये.
८) राष्ट्रीय एकात्मता और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने के लिये भारतीय संविधान के अमल का निश्चय करे.#मै अंबेडकर
९) इस दिन पर आयोजित कार्यक्रमो के फोटो सोशल मेडिया के द्वारा शेअर करे.
१०) इस दिन हम इस बात को ठान ले की ग्यान और गुणवत्ता के आधार पर नये नये क्षेत्र की खोज करे और बाबासाहब की विचारधारा पर आधारित नये समाज का निर्माण करे. इसलीये सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन का सृजन करे.
११) कोरोना मरीज तुरंत ठीक हो और हमारे डॉक्टर्स और वैद्यकीय सेवासे जुडे सारे कर्मचारी सुरक्षित रहे इस मनोकामना से प्रार्थना करे.
१२) कोरोना से लढने के लिये दिनांक १४ एप्रिल को हर एक व्यक्तीने ऑनलाईन बँकींगद्वारा कमसे कम रू १०/- से रु.१००/- या फिर अपनी क्षमता के अनुसार इससे ज्यादा रक्कम स्वेच्छासे “मुख्यमंत्री सहायता निधि – कोविड-१९” , स्टेट बँक ऑफ इंडिया मुंबई फोर्ट मेन ब्रांच, बचत खाता क्रमांक 39239591720, ब्रांच कोड 00300, IFSC कोड SBIN00003000 मे जमा करके सरकार की सहाय्यता कर अपने समाज की एक नई पहचान बनाये.
१३)कोरोना विषाणू की पार्श्वभूमीपर सोशल डिस्टंसिंग रखे, बार बार साबुन से हात धोये, सॅनिटायझर हात को लगाये, आवश्यकतानुसार मास्क का उपयोग करे, शासन और जिल्हा प्रशासनद्वारा किये गये सूचना का बारीकीसे पालन करे. अपनी और अपने परिवार की कोरोनासे रक्षा करे.
समुचे अंबेडकर जनता और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की विचारधारा पर निस्सीम प्यार करनेवालोसे मेरी प्रार्थना है की वो अपने घर मे रहकर कोरोनासे लढे. मुझे आशा है की इस लढाईमे हम कामयाब होंगे.