आज पूरी दुनिया एक गंभीर समस्या कोविड -19 से जूझ रही है, यह बिमारी दिनोंदिन विकराल रूप धारण कर रही हैं। विश्वभर मे अब तक 45 हजार से ज्यादा मरीजो की मौत हो चुकी है। कोविड-19 महामारी, एक लाईलाज बीमारी है इसके इलाज पर संशोधन कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन अभी तक किसी भी देश को सफलता नहीं मिली है, ऐसे में मानवजाति ने समझदारी का परिचय देकर समस्या का सामना करना है और इसमें पूरे लोगो का सहभाग होगा तभी हम पूरी तरह से सफल होंगे। इसलिए सावधानी ही बचाव है, यही रूपरेखा का पालन अर्थात इस गंभीर खतरे से बचा जा सकता है, यह महामारी एक से शुरू होकर संपर्क मे आनेवाले अनेको को चपेट मे ले लेती हैं, विदेश से संक्रमित व्यक्ति द्वारा आज यह बीमारी देश के हर राज्य, हर जिले मे फैलने से हजारों तक पहुँच गई है। यह खतरनाक बीमारी हर इंसान तक आसानी से पहुँच जाती है। ऐसे वक्त कोविड-19 की बढ़ती श्रृंखला को तोड़ना ही एकमात्र समाधान है।
कुछ लोग अभी भी गंभीर नहीं दिखतेः-
आज देश के कई लोग अपनी लापरवाही के कारण देश को डुबोने पर लगे है, चंद लोगों की गलती की सजा पुरा देश भुगत रहा है। अगर देश के लोगों ने शुरुआत में ही गंभीरता दिखाई होती, तो आज देश इतने मुश्किलो मे नहीं होता, लोगों की लापरवाही बहुत भारी पड़ गई, हम बिना कारण के घर से बाहर चलने का बहाना ढूंढ रहे हैं क्योंकि घर बैठे-बैंठे ऊब रहे है, लेकिन क्या जिंदगी इतनी सस्ती हो गई हैं? रोज समाचारपत्रो, न्यूजचैनलो, खबरों या सोशल मीडिया पर हम, कुछ लोगो द्वारा लॉकडाउन तोडते हुए देखते है, जबकि यह एक गंभीर अपराध है, लेकिन कई सोच रहे हैं कि कोरोना हमारा क्या करेगा? हमे कुछ नहीं होंगा, लोग अभी भी बिना किसी सावधानी के घूमते हैं, झूंड बनाते हैं, सोसायटी में लोगों को इकट्ठा करते हैं, आस-पडोस में जुटते हैं, गलीयो मे मिलते हैं, प्रतिबंध के बावजूद घर से बाहर निकलते हैं और पुलिस के साथ बहस करते हैं। संभवत हर तरफ, मुख्य सड़क पर या चैराहे पर पुलिस, नियंत्रण के लिए निगरानी कर रही है, लेकिन शहर की हजारों छोटी-बडी घनी बस्तियों में सकरी गलीयों, जहां हर जगह पुलिस का पहुंचना मुश्किल हो, ऐसी जगह लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति सरकार के आदेशों की अवहेलना ज्यादा हो सकती है सरकार के डर से नही अपीतु इंसान ने अपनी पूरी जिम्मेदारी से जागरूक होना चाहीए। देश की ऐसी विकट स्थिति में क्या लोगों के लिए जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई दूसरा काम हो सकता है? इस तरह की सभी गतिविधियों पर पूर्ण नियंत्रण होना बहुत जरूरी है।
हर इंसान पर परिवार, समाज और देश की जिम्मेदारीः-
जब देश की सुरक्षा की बात आती हैं तो लोग खुशी-खुशी अपने देश के लिए जान न्यौछावर कर देते हैं। एक ओर, जीवन आवश्यक सेवाओं में लगे डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों, पत्रकारों, पुलिसकर्मियों व अन्य कर्मचारीयों ने लोगों की सुरक्षा के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाल कर काम कर रहे है जबकि आजकल यहां देश के कुछ लापरवाह लोग अपने ही देश के दुश्मन बन गए हैं जिनसे कोरोना फैलने का डर लगा हुआ है।
लॉकडाउन के दौरान, सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को शुरू रखा है, ताकि आम जनता को परेशानी न हो, लेकिन लोग ऐसी भीड़ बना रहे हैं कि आज के बाद जीवन में कभी सब्जी भाजी या राशन मिलेगा ही नहीं। कोविड -19 को हराने के लिये सभी देशवासियों का साथ चाहिए। मानव एक सामाजिक प्राणी है, समाज मनुष्यों के समूहों से बना है और समाज की रक्षा के लिए समाज में रहने के कारण प्रत्येक मनुष्य का समाज के प्रति उत्तरदायित्व है। अगर हम स्वस्थ रहेंगे तो हम परिवार को स्वस्थ रखेंगे, समाज को स्वस्थ रखेंगे, यानी देश को स्वस्थ रखेंगे।
दुनिया में मानवता से बढ़कर कुछ भी नही:-
हमने मानव के रूप में जन्म लिया हैं, तो मानवता का भाव मानव में होना ही चाहिए, अन्यथा मानव कहलाना व्यर्थ है, इसलिए मानवता को विश्व के सभी कर्मो-धर्मो की गतिविधियों में सर्वोच्च माना गया है। अगर हमारे अनुचित व्यवहार से किसी को नुकसान होता है तो इसे गलती की श्रेणी में माना जाएगा और यदि यह व्यवहार जानबूझकर किया जाता है तो यह एक गंभीर अपराध है। आज देश लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है। लेकिन लोग इसके बारे में गंभीर क्यों नहीं दिखते? सरकारी आदेशों का उल्लंघन क्यों? क्या हम कुछ दिनों के लिए भी अपने घरों में नहीं रह सकते? सरकारी आदेश मानव समाज की सुरक्षा के लिए लिया गया निर्णय है। ऐसे समय में अपनी मानवता न खोएं। अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आज वर्तमान को बचाये। मानव सुजान नागरिक के रूप में, हम सभी को इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार को पूरा सहयोग करना चाहिए। कृपया देश के सभी देशवासी इस परिस्थिति को समझें।
अफवाहों को हवा न दें अन्यथा होगी जेलः-
अक्सर हम सोशल मीडिया से जुड़े रहते हैं और दुनिया भर में सभी प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी को कोई संदेश भेजने से पहले, संदेश को भेजने के परिणामों के बारे में सोचा है?, क्या किसी भी मैसेज में दि गई जानकारी को सत्यापित किए बिना लोगो भेजना ठीक है? कई संदेश बहुत संवेदनशील होते हैं यानी किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, भ्रम पैदा कर सकते हैं, किसी के जीवन को खतरे मे डाल सकते हैं, दुनिया में किसी गंभीर घटना का कारण बन सकते हैं या मुश्किल स्थिति पैदा कर सकते हैं। इसलिए, सरकार ने ऐसे संदेशों को नियंत्रित करने के लिए कठोर कानून बनाये हैं जिससे आरोपी को गंभीर अपराध की श्रेणी में लाया गया है। अब किसी भी वर्ग, जाति, वर्ण, समुदाय, समाज, संविधान के विरुद्ध किसी भी प्रकार के भ्रामक, भड़काऊ, आपत्तिजनक, झूठी सूचनाओं को सोशल मीडिया पर भेजना या फारवर्ड करना यह आईटी एक्ट सेक्शन और आईपीसी के तहत एक गंभीर अपराध है। जिसमें जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। साइबर अपराध के मामले में, मामूली सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
मानवता की सबसे बड़ी परीक्षा का समयः-
कई लोग यात्रा करने पर भी सरकार से अपनी हाल ही में की गई यात्रा हिस्ट्री छिपा रहे हैं, जबकि ऐसे लोग पूरे समाज के लिए गंभीर खतरा हैं। ये स्वार्थी लोग पूरे समाज को अपने लिए कैसे धोखा दे सकते हैं? यह हमारे परीक्षा की घडी है जिसमें सब लोगों को खऱा उतरना है। कुछ दिनों के लिए धैर्य रखकर घर पर रहना है। घर मे अपने इंडोर हॉबी को बढ़ावा दें, किताबें पढ़ें, पेंटिंग करें, परिवार के साथ पुरानी यादों को ताजा करें, अगर आप कुछ साहित्यिक लिखने के शौकीन हैं, तो वो करें यदि आपके घर में पौधे या पालतू जानवर हैं, तो उनकी देखदेख कर समय बिताये, इंटरनेट की सुविधा हो तो आप ऑनलाइन ई-बुक्स, ई-जर्नल्स पढ़ सकते हैं। कुकींग, घर की सफाई, ऑनलाइन वर्क जैसे कई काम कर सकते हैं, टेलीविजन भी दिन भर हमारे मनोरंजन के लिए है।
अपनी वर्तमान स्थिति की गंभीरता को समझें, घर पर रहें और अपने देश, समाज, परिवार के भविष्य की रक्षा के लिए सरकारी नियमों का पालन करें। कोविड-19 से मरीजो के मौतो के आँकडो मे इटली, फ्रांस, ईरान, अमेरिका जैसे कई देशों की हालत इतनी बुरी है कि लगातार स्थिति बदतर हो गई है लोग तो अपनो का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं। समाज मे इंसानियत की मिसाल बने, ना कि उल्टे लापरवाही बरतते हुए, समाज में बीमारी बांटते हुए घूमे, कृपया घर में आवश्यक वस्तुओं का भंडारण न करें और दुकानदार भी सामान को अधिक कींमत पर न बेचें, यह एक अपराध है। आज देश का गरीब वर्ग सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है परंतु सरकार और कई सेवाभावी संगठन उनके मदद के लिए आगे आये है। आप से भी जितना संभव हो सके, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करे। सरकार द्वारा निर्देशित सभी नियमो का कडाई से पालन करें, घर पर रहे, सुरक्षित रहे।
डॉ. प्रितम भि. गेडाम
मोबाइल नं. 082374 17041