Published On : Thu, Oct 5th, 2017

आंगनवाड़ी महिला कर्मियों ने किया जेल भरो आंदोलन

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नागपुर: सितम्बर की 11 तारीख से मानधन बढ़ाने की मांग को लेकर नागपुर जिले समेत पूरे राज्य की आंगनवाड़ी महिला सेविकाएं और मदतनिस की ओर से कामबंद आंदोलन किया जा रहा है. मांगे नहीं पूरी होने की वजह से महिला कर्मी रोजाना सविंधान चौक में प्रदर्शन कर रही हैं. बुधवार को महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे का पुतला भी फूंका गया. गुरुवार को महिला कर्मियों की ओर से जेल भरो आंदोलन किया गया. जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने अपनी गिरफ्तारियां दीं. इनके आंदोलन करने की वजह से लगभग 24 दिनों से आंगनवाड़ी के बच्चे शालेय पोषण आहार से वंचित हैं. नागपुर जिले में कुल मिलाकर 3403 आंगनवाड़ियां हैं. जिसमें से शहर में 981 और ग्रामीण भाग में 2422 आंगनवाड़ियां हैं. नागपुर जिले में करीब 60 हजार बच्चे आते हैं और इन बच्चों को शालेय पोषण आहार दिया जाता है. लेकिन पिछले 24 दिनों से इन महिला कर्मियों के कामबंद आंदोलन से इन बच्चों के आहार पर ही पाबंदी लग चुकी है.

इस बारे में जिला परिषद के महिला बालकल्याण विभाग के डिप्टी सीईओ प्रशांत थोरात ने बताया कि आंगनवाड़ी के बच्चों को बचत गट द्वारा खाना देने का कार्य किया जा रहा है. थोरात ने बताया कि प्रदर्शन कर रही इन महिला कर्मचारियों को सरकार की ओर से 30 प्रतिशत मानधन बढ़ाया जा चुका है. बावजूद इसके इनका प्रदर्शन जारी है. उन्होंने बताया कि महिला कर्मियों को काम वापस शुरू करने के लिए भी कहा गया था. उन्होंने बताया कि करीब 60 हजार बच्चे नागपुर जिले में मिड डे मिल का लाभ लेते हैं.

बचत गट की ओर से कितने बच्चों को खाना दिया जा रहा है, इसके संबंध में डिप्टी सीईओ ने कुछ नहीं बताया. जानकारी के अनुसार नागपुर से सटे वाड़ी क्षेत्र में आंगनवाड़ी में शालेय पोषण आहार नहीं मिलने की वजह से 4 साल का बच्चा श्रेयस मेश्राम बीमार हो चुका है. उसके माता पिता मजदूरी करते हैं और बच्चा पूरी तरह से शालेय पोषण आहार पर निर्भर था. श्रेयस पहले से ही कुपोषित था.