Published On : Wed, Sep 25th, 2019

6 हजार छात्रों पर बढ़ा बीमारियों का खतरा

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बेजनबाग नाले पर बनी पुलिया से घरों में घुसता पानी, स्थानीय निवासी परेशान, बीमारियों का मंडर रहा खतरा, पुलिया की बनावट त्रुटि पूर्ण,पुलिया के नीचे लगी शंटिंग भी नही निकाली, 2 स्कूलों के बीच से बहता नाला किया छोटा, नाले के मुंह पर बनाई दीवार, पिछले कई दिनों से भरा पड़ा है नाला

नागपुर: शहर में थोड़ी सी बारिश से भी सड़को पर पानी जमा हो जाता है । लेकिन उसके कारणों की जांच कोई नही करता। इसका एक जीवन उदाहरण है बेजनबाग नाला। यहां थोड़ी सी बारिश से पुलिया की एक तरफ का नाला भर जाता है इतना कि पुलिया के ऊपर से पानी बहता है। तभी दूसरी तरफ का नाला खाली होता है। इतना ही नही तो स्कूल के प्रांगण में भी कमर तक पानी भर जाता है। यही पानी घरों में घुसता है। सुदर्शन मोहला के घरों के भी नाले का पानी ऊपर से बह कर जाता है।

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पुलिया की बनावट त्रुटि पूर्ण
इसका कारण इस पुलियां की त्रुटिपूर्ण बनावट। कुछ माह उर्व यह पुलय धस गई थी। जिसे आयुक्त के फंड से बनाया गया। लेकिन पानी जाने के रास्ते को छोटा कर दिया गया। साथ ही इस पुलिया के नीचे OCW के निष्क्रिय पड़ी 4 बड़ी पाइप लाइन है। जो काम की नही है यह भी कचरा अटक जाता है। इससे बड़ी बात जहा पुलिया की शुरुवात है वहा भी दीवार बबन दी गई है। जिससे पानी और कचरा अटक जाता है इस सब के बाद पानी जाने के लिए थोड़ीसी ही जगह बचती है। जिससे इतना पानी जा ही नही सकता।

पुलिया के नीचे लगी शंटिंग भी नही निकाली
सोने पर सुहागा मतलब जब पुलिया बनी तब वहां लगी शंटिंग भी नहीं निकाली गई। जो भी पुलिया के नीचे पानी रोकने में बड़ी भूमिका निभाता है। साथ ही सड़क के किनारे बानी नालियों में भी कचरा भरा पड़ा है। नाले के पास बानी गडर में भी लगी बल्लिया व शंटिंग नही निकली गई। उस नाली से भी पानी घरों में घुस रहा है। यहां तो सड़क की नाली को भी नाले में जोड़ा नही गया है।

2 स्कूलों के बीच से बहता नाला किया छोटा
पहले या नाला चौड़ा था। लेकिन स्कूल प्रशासन ने नाले की चौड़ाई को कम कर दिया है । ज्ञात हो कि इस नाले में गड्डीगोदाम से लेकर सड़को का पानी हरीकृष्ण पब्लिक स्कूल में व इस नाले में आता है। इसी स्कूल के बाजू में इसी प्रशासन की गुरुनानक स्कूल भी है। दोनों स्कूल के बीच से यह नाला बहता है। नाले की दिवारों पर भी पेड़ लगे है। स्कूल के प्रांगण में जमा पानी को निकालने के लिए स्कूल गेट स्थानीय नागरिकों को खुलवाना पड़ता है। यह हर बरसात की बात बन गई है। स्थानीय नागरिकों ने मनपा व स्कूल प्रशासन से इस नाले की चौड़ाई बढ़ाने व सुरक्षा दीवार बनाने की मांग है।

6 हजार छात्रों पर बढ़ा बीमारियों का खतरा
यहां पनी के जमाव से गंदगी फैल रही है। घरों में मछरों का आंतक फैला है। डेंगू के मच्छर इसी माहौल में पलते है। जिससे बीमारियों का खतरा बना है। ज्ञात हो कि इन दोनों स्कूलो में करीब 6000 विद्यार्थी पढ़ाई करते है। स्कूलों में भी मच्छर बढ़ गए है। जिससे इन 6 हजार विद्यार्थियों से साथ साथ स्थानीय लोगो पर भी बीमारियों का खतरा बना है। मनपा प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहा। शिकायत सुनने वाला भी कोई सामने नही आता। साथ ही स्कूल गेट के पास कचरे का ढेर रोजाना पड़ा रहता है।

स्थानीय लोगो ने स्कूल प्रशासन व मनपा से इस समस्या का स्थाई हाल निकलने की मांग की है। क्या प्रशासन कोई बड़ी घटना के बाद जागेगा?

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