Published On : Tue, Aug 29th, 2017

असंगठित क्षेत्र पर एनएसएसओ का सर्वे – देश में 6 .34 करोड़ छोटे व्यावसायी

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CAIT
नागपुर: देश के असंगठित क्षेत्र के विशाल व्यापार क्षेत्र जिसमें लगभग 6 .34 करोड़ व्यावसायी हैं लेकिन उनके लिए न तो कोई व्यापार नीति है व् न ही पृथक रूप से कोई मंत्रालय है, इस बात के मद्देनजर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से मांग की है की देश के इस बृहद रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति बनायीं जाए एवं केंद्र में पृथक रूप से एक आतंरिक व्यापार मंत्रालय गठित किया जाए. कृषि के बाद देश में रोजगार देने वाला यह सबसे बड़ा क्षेत्र है जिसको अक्सर छिपे रोजगार का स्त्रोत भी कहा जाता है.

नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाईजेशन (एनएसएसओ ) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है की वर्ष 2015 -2016 के बीच हुए एक सर्वे के अनुसार देश में 6 .34 गैर कृषि व्यावसायी हैं जिनमें निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले शामिल नहीं है. इनमें से 51 % ग्रामीण क्षेत्र में जबकि 49 % शहरी क्षेत्र में है. इन व्यवसायिओं में 31 % मैन्युफैचरिंग, 36 .3 % ट्रेडिंग एवं 32 .6 % अन्य सेवाओं में है. लगभग 84 .2 % ऐसे व्यवसायी हैं जिनके पास एक भी कामगार नहीं है.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भारतीय एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की इस रिपोर्ट से देश के रिटेल व्यापार की सही तस्वीर सामने आयी है और यह साबित होता है की इस व्यापार में अर्थव्यवस्था और जीडीपी की वृद्धि करने की बड़ी संभावनाएं है लेकिन उसके लिए रिटेल व्यापार को समर्थित नीतियों के द्वारा सुगठित करना बेहद जरूरी है. इन व्यवसायिओं को औपचारिक वित्तीय सहायता और जरूरी टेक्नोलॉजी मिले जिससे वर्तमान व्यापार के स्वरुप को उन्नत और आधुनिक किया जा सके वहीँ दूसरी ओर एक रिटेल रेगुलेटरी अथॉरिटी भी गठित की जाए जो इस व्यापार की देख रेख करे. शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रिटेल व्यापार का विस्तार किस प्रकार से हो यह भी देखना जरूरी होगा.

सर्वे के अनुसार क्षेत्र में लगभग 11 .3 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है जिसमें से 34 .8 % ट्रेडिंग में, 32 .8 % अन्य सेवाओं में ओर 32 .4 % मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में है. लगभग 55 % शहरी क्षेत्रों में ओर 45 % ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते हैं.

इनमें से 98 .3 % संस्थान स्थायी रूप से जबकि 1 .3 % सीजनल एवं 0 .4 % कैजुअल रूप से काम करते हैं. इस सेक्टर में ग्रॉस वैल्यू एडिशन लगभग रुपये 11 लाख 52 हजार 338 करोड़ रुपये वार्षिक है जिसमें से 70 % शहरी क्षेत्र में ओर 30 % ग्रामीण क्षेत्र में है.

यह सर्वे देश भर में 8488 गाँवों ओर 8939 शहरों में किया गया और जिसमें 1,43,179 ग्रामीण क्षेत्र और 1,46,934 शहरी क्षेत्रों के संस्थानों में किया गया.