Published On : Fri, Jan 17th, 2020

एफडीए ने टिफ़िन में हेल्दी खाने के लिए 500 स्कूलों को भेजा पत्र

नागपुर– बच्चों को हेल्दी खाना मिलने के उद्देश्य से अन्न औषधि विभाग राज्य स्तर पर इट राइट कैंपस चला रही है। जिसके तहत नागपुर जिले में 5 सौ के करीब स्कूलों को पत्र भेजकर बच्चों को टिफिन में हेल्दी खाना देने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए कहा गया है। ऐसे में स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों के माता-पिता को इस दिशा में दिशा निर्देश देकर टिफिन में दिये जानेवाले जंग फूड को मना किया जा रहा है।

वर्तमान स्थिति में स्कूल से लेकर कॉलेज के कैन्टीन में जंक फूड का बोलबाला है। वड़ा पाव, नूडल्स से लेकर कई ऐसे खाद्य पदार्थ बच्चे रोज खा रहे हैं। जिससे उनके शरीर को नुकसान पहुंच रहा है। एफडीए द्वारा हाल ही में इस दिशा में किये एक सर्वे में यह साबित हुआ है कि, कैन्टीन से सप्ताह में 3 दिन खाना खाने वाले बच्चे बाकी बच्चों की तुलना ज्यादा मोटे हैं। वही 11 वीं 12 में पढ़नेवाले बच्चे प्री शुगर के स्तर पर पहुंच गये हैं। ऐसे में आनेवाले 10 वर्षों में ही दिल की बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए महाराष्ट्र में अन्न औषधि विभाग ने 7 जुलाई 2019 से स्कूल व कॉलेज से पिज्जा, बर्गर, आईस्क्रीम, चॉकलेट हटाकर इनकी जगह हेल्दी व टेस्टी मेनू शुरू करने की दिशा में कार्य शुरु किया है।

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सर्वे में इस बारे में भी पता चला है, कि जिन स्कूल व कॉलेज में बच्चे टिफिन लाते हैं। उसमें 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे टिफिन में भी जंक फूड ला रहे हैं। ऐसे में केवल कैन्टीन का मेनू बदलने से समस्या हल नहीं होने की बात को समझते हुए अन्न व औषधि विभाग ने जंग फूड को बाय-बाय करने के लिए माता-पिता को भी समझाना शुरू कर दिया है। नागपुर जिले में 5 सौ के करिब स्कूल कॉलेज में विभाग ने इस संबंध में पत्र भी भेज दिया है। वहीं 171 स्कूलों में खुद जाकर शिक्षकों से लेकर अभिभावको बच्चों के टिफिन पर हेल्दी खाना देने के लिए कहा है। नागपुर विभाग में कुल 450 स्कूल में विभाग ने जाकर इसका प्रचार प्रसार किया है।

अन्न औषधि विभाग सह आयुक्त च.पा. पवार ने कहा कि नागपुर विभाग बच्चों को हेल्दी खाना नहीं मिलने के पीछे कैंटीन खाने के साथ टिफिन का खाना भी है। ऐसे में हमारी ओर से 5 सौ के करीब स्कूल प्रशासन को इस संबंध में पत्र भेजकर टिफिन में दिये जानेवाले जंक फूड पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। इसके अलावा इट राइट कैंपस के तहत 450 स्कूल में विजिट कर इसका महत्व समझाया है।

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