Published On : Wed, May 5th, 2021

स्कूल फीस में हो ५०% की कटौती – अग्रवाल

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– सर्वोच्च न्यायालय की टिपण्णी से पालको को राहत

नागपुर – विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है की मा सर्वोच्च न्यायालय के टिपण्णी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने पुरे प्रदेश की सभी निजी स्कूलों की ५०% फीस कटौती के लिए दबाव बनाना चाहिए जिससे की पुरे प्रदेश में एक समान फीस कटौती हो और पालको की शिकायते दूर हो सके सभी स्कूलों ने बोगस PTA बना रखे है अंतः आपसे निवेदन है कोरोना काल की फीस निर्धारण PTA पर न छोड़े बल्कि राज्य सरकार अध्यादेश लाकर फीस कटौती का आदेश लागु करे।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है की अभिभावकों की समस्याओं के प्रति संवदेशनशील हों स्कूल जस्टिस एएम खनविलकर एवं जस्टिस दिनेश महाश्वेरी की पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से अभिभावक जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके प्रति शैक्षणिक संस्थाओं को संवेदनशील होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस कठिन समय में छात्रों एवं उनके माता-पिता को राहत देने के लिए स्कूलों को कदम उठाना चाहिए।ऑनलाइन क्लासेज की फीस में जरूर कटौती करें स्कूल : जो सुविधाएं नहीं दे रहे उसकी फीस न लें’ शीर्ष अदालत ने कहा कि छात्रों को नहीं मिलने वाली सुविधाओं के लिए शुल्क की अदायगी पर जोर देना लाभ कमाने के रूप में देखा जाएगा।

ऐसी चीजों से स्कूलों को बचना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘कानूनी रूप से स्कूल उन सभी सुविधाओं के लिए फीस नहीं ले सकता जो परिस्थितियों के
कारण वह नहीं दे पा रहा है। अलग-अलग सुविधाओं के नाम पर फीस की मांग किया जाना व्यावसायीकरण है।’शीर्ष अदालत ने आगे कहा, ‘जाहिर है कि लॉकडाउन के चलते सत्र 2020-21 में स्कूल लंबे समय तक बंद रहे। इस दौरान स्कूल प्रबंधन पेट्रोल, डीजल, बिजली, रखरखाव, पानी, सफाई आदि पर होने वाले खर्च की बचत किया होगा।’ कोर्ट इस बात पर सहमत हुआ कि उन्हें अपनी फीस में कटौती करनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय की उक्त टिप्पणी के बाद यह स्पष्ट हो गया है की सर्वोच्च न्यायालय पालको के प्रति संवेदनशील है।

महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के स्कूलों के प्रती कड़क टिपण्णी यो को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूलों को ५०% फीस माफ़ करने के लिए बाध्य करना चाहिए पुरे प्रदेश में पिछले १ साल से पालक परेशान है और फ़ीस कटौती को लेकर मांग कर रहे है सभी स्कूल धर्मादाय आयुक्त में पजीकृत होने के बावजूद व्यवसायिकीकरण का काम कर रहे है और पालको से हर साल लाखो रुपये लूट रहे है। श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री महोदय से मांग की कम से कम अपने कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था सुधारने का काम करे। श्री अग्रवाल ने सरकार तथा स्कूलों से मांग की है की पालको के प्रती संवेदनशील बने और राज्य में ५०% फीस कटौती करे अगर फीस कटौती नहीं की गई तो पालक वर्ग पुरे प्रदेश में तीव्र आंदोलन करेंगे।