उमरखेड.
सालों से रास्ते बनाने की मांंग को लेकर रास्ता रोको आंदोलन, विरोध प्रदर्शन होने के बाद भी क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधा नहीं मिलने और क्षेत्र में विकास काम न होने का हवाला देते हुए उमरखेड तालुके के पांच गांवों ने मतदान का बहिष्कार किया। बंदिभाग के नाम से पहचाने जाने वाले गाडी, बोरी, थेरडी, परोटी और जवराडा इन पांच गांवों ने मतदान का पूरी तरह बहिष्कार किया और एक भी मतदाता ने किया।
इन पाँचों गांवों की कुल मिलाकर ४ हज़ार जनसंख्या है। ४ हज़ार मतदाताओं ने अपना रोष जताते हुए मतदान का निषेध किया और मत नहीं डाले। बहिष्कार का कारण बताते हुए गांव के नागरिकों ने बताया की २० नवंबर २०१३ को जंगल क्षेत्र के रास्तों के निर्माण को लेकर जाहिर सुनवाई राखी गइ थी। सुनवाई में क्षेत्र के विधायक व सांसद को अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया था लेकिन सम्बंधित पर्यावरण विभाग की जनसुनवाई के लिए एक भी जनप्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे जिसके विरोध में नागरिकों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
सामाजिक कार्यकर्ता सदाशिव वानोले, प्रकाश तगड़े जानकारी दी की मांग न पूरी होने की सूरत में आगे आने वाले चुनावों के दौरान आमरण उपोषण किया जाएगा।