– इससे मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर ग्रामीण इलाकों को रहने योग्य बनाने की मंशा NMRDA की
नागपुर – नागपुर शहर में घर खरीदना आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है.कोई भी बैंक हो,वह वेतन के आधार पर आसानी से कर्ज भी नहीं देते हैं। दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में मुलभुत सुविधा नहीं मिलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) द्वारा शहर के चारों ओर ग्रामीण इलाकों में सुविधाएं मुहैय्या करवाने का अहम् निर्णय लिया हैं.
इस क्रम में नागपुर शहर के चारों ओर 200 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। वहीं 190 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज लाइन बिछाई जाएगी। एनएमआरडीए प्रबंधन के अनुसार शहर के आसपास के ग्रामीण इलाके में अब घर खरीदने पर भी नागरिकों को सुविधाएं मिलना आसान हो जाएगा।एनएमआरडीए के निदेशक मनोज कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि उक्त विकास कार्य के लिए टेंडर जारी किया गया हैं.
सूर्यवंशी ने दावा किया कि सड़क का काम शुरू हो गया है और अब शहर में चहल-पहल कम होगी और शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इस निधि से 55 किलोमीटर लंबी आंतरिक सड़कों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा।
याद रहे कि नागपुर अब बहुत महंगा हो चूका है। टूबीएचके फ्लैट की औसत कीमत 60 लाख रुपये है।दरें इतनी अधिक हैं कि सामान्य कर्मचारी खाली प्लॉट नहीं खरीद सकते। अगर 500 वर्ग फुट के प्लॉट वाला घर बनाना चाहते हैं तो आपको कम से कम एक करोड़ की जरूरत होगी। नतीजतन, लोग अब अपेक्षाकृत सस्ते और अच्छी तरह हवादार, नियोजित क्षेत्रों में फ्लैट खरीदना पसंद कर रहे हैं।
दक्षिण नागपुर के बेसा, बेलतरोड़ी, शंकरपुर, पीपल, हुडकेश्वर और नरसला के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में फ्लैट योजनाएँ स्थापित की जा रही हैं। इस क्षेत्र में न्यू नागपुर बसाया जा रहा है। यहाँ पानी, सड़क, सीवेज लाइन की समस्या थी। वह जल्द ही दूर हो जाएगी।विशेष रूप से, यह सुनिश्चित करने के लिए महारेरा कानून का सहारा लिया जा रहा है ताकि किसी के साथ कोई धोखा न होने पाए। नतीजतन, नागरिकों की खरीद में वृद्धि हुई है। सभी सुविधाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसलिए इस क्षेत्र में नागरिकों की पसंद भी बढ़ रही है।










