पब्लिक परेशान, अधिकारी मस्त
100 पंप शहर में
30 पंप रह रहे ड्राई
5 लाख लीटर पेट्रोल की रोजाना खपत
1.5 लाख लीटर चाहिए डीजल
नागपुर. रूस-यूक्रेन युद्ध के बहाने अब देश की जनता सीधे तौर पर परेशान होने लगी है. कंपनियों ने तेल आपूर्ति की राशनिंग शुरू कर दी है. इतना ही नहीं तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाने लगी है ताकि उन्हें तेल की आपूर्ति न करना पड़े. ऐसे में आम जनता को सीधे तौर पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नागपुर शहर में 100 में से 30-35 पंप रोज बंद नजर आ रहे हैं. पंप संचालक भी कंपनियों की इस कार्यशैली से परेशान हो चुके हैं लेकिन सुधार नहीं देखा जा रहा है.
HP की आपूर्ति लड़खड़ाई
सबसे ज्यादा परेशानी एचपी पंपों को लेकर हो रही है. 100 में से 28 पंप एचपी के हैं. इनमें से औसतन 18-20 पंप रोजाना बंद रह रहे हैं. इनका लोड अन्य पंपों पर बढ़ रहा है, जिसके कारण दूसरे पंप भी ड्राई हो जा रहे हैं. यही कारण है कि रोजाना वाहनधारकों को 30 से अधिक पंपों पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिल पा रहे है और उन्हें भटकनों को मजबूर होना पड़ रहा है.
BPCL को चाहिए एडवांस पेमेंट
तेल की बढ़ी कीमत को देखते हुए कंपनियों ने मनमानी भी शुरू कर दी है. बताया जाता है कि अब तक कंपनियां ऑर्डर पर तेल की आपूर्ति करती थी लेकिन बीपीसीएल ने एडवांस में पेमेंट लेने की परंपरा शुरू कर दी है. ऐसे में शनिवार और रविवार को अगर डीलर पैसा नहीं भर पाएं तो उनकी आपूर्ति रोक दी जाती है. एक दिन भी आपूर्ति बाधित होने से पंप ड्राई हो जाते हैं और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नई परंपरा मई से शुरू की गई है. इसके पूर्व आपूर्ति सामान्य थी.
संडे को आपूर्ति बंद
तेल कंपनियों की मनमानी का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि जीवनावश्यक वस्तु होने के बाद भी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी संडे को काम नहीं कर रहे हैं. बताया जाता है कि पूर्व में संडे के दिन भी डिपो से आपूर्ति होती थी लेकिन अब संडे को तेल कंपनियों के अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं और डिपो से आपूर्ति को रोक दी गई है. पंप के ड्राई होने का एक मुख्य कारण इसे भी माना जा रहा है.
सप्ताह में तीन दिन पंप ड्राई
मनमानी तेल कंपनियां कर रही हैं. सबसे बड़ा खामियाजा ग्राहकों को उठाना पड़ रहा है. लोग पेट्रोल का अंदाज लगाकर वाहन लेकर निकलते हैं लेकिन जब पंप बंद मिलता है तो वे परेशान हो जाते हैं. कई बार पंप संचालकों और डीलरों के बीच तू-तू मैं-मैं हो रही है. पंप संचालक पीस रहे हैं. तेल कंपनियों के अधिकारियों की कानों में जू तक नहीं रेंग रही है. लोगों को होने वाली समस्याओं से उन्हें कोई लेना-देना नहीं रह गया है. पहले सप्ताह में सातों दिन शुरू करने वाले पंप आज कम से कम 3-4 दिन ड्राई हो जा रहे हैं.- अमित गुप्ता, अध्यक्ष, पंप संचालक एसोसिएशन