– कोरोना काल में सबसे ज्यादा पड़ा असर
नागपुर – महाराष्ट्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) देश में कोरोना, लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। 1 जुलाई, 2020 से 1 अप्रैल, 2022 तक 1 वर्ष और 9 महीने की अवधि के दौरान, देश में सबसे अधिक 2,649 इकाइयां महाराष्ट्र में और सम्पूर्ण देश में 9,267 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम बंद हुए। दिलचस्प बात यह है कि 1 अप्रैल 2022 से 20 जुलाई 2022 तक चार महीनों के दौरान महाराष्ट्र में 815 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयां बंद कर दी गईं।
ज्ञात हो कि
कोरोना के संकट में बड़े उद्योगों ने खुद को बचाया। लेकिन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग कोरोना काल में संभल नहीं पाए। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण छोटे व्यवसायों को अपने दरवाजे बंद करने पड़े।
सम्पूर्ण देश में 1 जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच देश में 175 यूनिट्स बंद रहीं। उसके बाद वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच बारह माह में सर्वाधिक 6 हजार 222 इकाइयां बंद हुई और 1 अप्रैल 2022 से 20 जुलाई 2022 इन चार माह में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की 2 हजार 870 इकाइयां बंद हुईं.
1 जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच महाराष्ट्र में केवल 3 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयां बंद हुईं। लेकिन उसके बाद इसमें काफी इजाफा हुआ। यूनिट बंद होने से रोजगार प्रभावित हो रहा है।
राज्यवार आंकड़े
महाराष्ट्र- 2,649,गुजरात- 832,उत्तर प्रदेश- 762,तमिलनाडु- 740,बिहार- 714,कर्नाटक- 398,राजस्थान- 390,दिल्ली- 351,पंजाब- 286,मध्य प्रदेश- 276,हरियाणा- 268,पश्चिम बंगाल- 246,केरल- 202,आंध्र प्रदेश- 170,तेलंगाना- 146,छत्तीसगढ़- 100