Published On : Fri, May 27th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

सत्ताधारी पक्ष के आपसी विवाद में 25 लाख डूबा

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– सिविल लाइन्स में जिलापरिषद ने व्यवसायिक लॉन विकसित किया था, उपयोग नहीं किये जाने से लॉन की हरियाली सुख गई

नागपुर – जिला परिषद ने सिविल लाइंस क्षेत्र में अपनी जमीन पर 25 लाख रुपये की लागत से लॉन विकसित किया है. हालांकि, यहां की हरियाली सूख गई है क्योंकि लॉन चलाने का ठेका किसको दिया जाए, इस पर सत्ताधारी पक्ष एकमत नहीं हो पाया।

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जिला परिषद ने आय का एक स्रोत बनाने का फैसला किया था ताकि उन्हें छोटे और बड़े खर्चों के लिए सरकारी अनुदान पर निर्भर न रहे। जिला परिषद के स्वामित्व वाले सिविल लाइन क्षेत्र में जमीन का एक बड़ा भूखंड है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां आधुनिक लॉन विकसित किया जाएगा।

इसके लिए लॉन, कुछ कमरे, मंच और रोशनी की व्यवस्था पर 25 लाख रुपये खर्च किए गए। सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ शादियों से भी अच्छी आमदनी हो सकती थी।

लॉन विकसित होने के बाद, कई ठेकेदारों ने अपने चाहते अधिकारी-पदाधिकारी व जिलापरिषद सदस्यों के मार्फ़त संचालित करने के लिए उठापठक किये लेकिन आपसी तनातनी में टेंडर प्रक्रिया नहीं हो सकी। इसके बाद लॉन को बीओटी आधार पर चलाने का प्रयास किया गया जो आजतक कागजों पर सिमित हैं.

इस चक्कर में अब तक जिला परिषद के लोक निर्माण विभाग के तीन कार्यकारी अभियंता बदले जा चुके हैं। दो अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष भी बदल गए। लेकिन लॉन का सदुपयोग नहीं हो पाया।

उल्लेखनीय यह हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि राज्य में पहला महिला स्वयं सहायता समूह मॉल नागपुर में जिला परिषद के स्वामित्व वाले बड़कास चौक की साइट पर 2016 से स्थापित किया जाएगा ताकि जिले में स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामान का विपणन किया जा सके। उसके बाद जिला पंचायत के लोक निर्माण विभाग की ओर से 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी ग्रामीण विकास विभाग को भेजा गया. इसके बाद राज्य और जिला परिषद में भी सत्ता का हस्तांतरण हुआ। हालांकि इस मॉल के लिए सरकार की ओर से कोई निधि नहीं मिला है।

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