Published On : Tue, Mar 20th, 2018

२४ बाय ४ जलापूर्ति योजना की पोल खुलता देख शुरू कर दिया जन-गन-मन

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NMC Nagpur
नागपुर: मनपा में विपक्षी वरिष्ठ नगरसेवक संदीप सहारे ने आमसभा में विषय पत्रिका पर चर्चा के दौरान प्रशासन से २४ बाय ४ जलापूर्ति योजना की जमीनी हक़ीक़त की सार्वजानिक मांग की. मांग के तह में जाते ही योजना की पोल खुलती देख महापौर ने आमसभा के आज के कामकाज की समाप्ति की घोषणा कर, राष्ट्रीय गान शुरू करने का निर्देश दे दिया. हुआ यूं कि जलप्रदाय विभाग के कार्यकारी अधिकारी संजय गायकवाड़ ने जानकारी दी कि ७५% योजना पूरी हो चुकी है और मात्र १६ कमांड एरिया में २४ घंटे जलापूर्ति की जा रही हैं. जब जलापूर्ति की जाने वाली बस्ती, नगर की नाम सार्वजानिक करने की मांग की तो महापौर,प्रशासन सह सम्पूर्ण सभागृह स्तब्ध रह गया. प्रशासन के जवाब से पक्ष-विपक्ष ने हंगामा करना शुरू ही किया था कि महापौर ने सभागृह के कामकाज की समाप्ति की घोषणा कर दी.

ज्ञात हो कि सहारे ने महापौर के मार्फ़त प्रशासन से जानकारी मांगी कि जेएनएनयूआरएम अभियान के तहत मनपा ने शहर में इतनी निधि प्राप्त की, खर्च की और प्रकल्प के सफलता की जानकारी दी जाए. कार्यकारी अभियंता संजय गायकवाड़ ने जानकारी दी कि उक्त योजना के तहत ३८७ में से २९२ करोड़ रुपए खर्च किए गए. ६८ कमांड एरिया में ६० टंकी का निर्माण किया गया. १६ कमांड एरिया में २४ बाय ७ जलापूर्ति की जा रही हैं.

गायकवाड़ के जवाब से तमतमाए सहारे ने फिर पूछा कि उन क्षेत्रों का नाम सार्वजानिक करें, जहां २४ बाय ७ जलापूर्ति योजना पूर्णतः सफल रही. इस सवाल का जवाब देने के बजाय गायकवाड़ ने सभागृह को जानकारी दी कि उसकी सूची उन्हें पास नहीं है. गायकवाड़ का पक्ष लेते हुए सत्तापक्ष सदस्य अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने जानकारी दी कि उन्हें प्रभाग के संघर्ष नगर और वाठोड़ा में २४ बाय ७ जलापूर्ति हो रही है. इसके तुरंत बाद भाजपा के नगरसेवक प्रदीप पोहाने ने जानकारी दी कि उनके प्रभाग में रोजाना १ घंटे भी पानी नहीं आता है. इसके बाद पक्ष-विपक्ष के नगरसेवक जलापूर्ति को लेकर अपना दुखड़ा रोना शुरू ही किया था कि महापौर ने मौके की नज़ाकत को देख आज के आमसभा के कामकाज की घोषणा कर दी.

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महापौर ने आज के कामकाज की समाप्ति की घोषणा करने में जरा भी देर हुई तो गर्मी के मौसम की शुरुआत में जलापूर्ति को लेकर बड़ा हंगामा हो गया होता. इस हंगामे से जन भावना भड़क गई होती.

उल्लेखनीय यह है कि आमसभा शुरू होने के पूर्व कांग्रेस की ओर से पानी की समस्या को लेकर एक बड़ा मोर्चा लाया गया था. जिसे पुलिस प्रशासन ने गांधीबाग जोन के बाहर ही रोक दिया, इनकी मांग को सुन, निराकरण करने के लिए मनपायुक्त के निर्देश पर कार्यकारी अभियंता गायकवाड़ ने भेंट की.

नितीश व संदीप की जुगलबंदी
कांग्रेसी नगरसेवक नितीश ग्वालवंशी खुद के प्रभाग के लिए निधि न मिलने के साथ ही साथ सभागृह में उपस्थित अन्य उपेक्षित नगरसेवकों के हितार्थ सवाल करते हुए आरोप लगाए कि सत्तापक्ष और प्रशासन सामान निधि वितरित नहीं कर रहा. इसलिए नितीश ने मांग की है कि प्रत्येक प्रभाग को २-२ करोड़ की निधि दी जाए.

इस पर सत्तापक्ष नेता जोशी ने जवाब दिया कि नितीश के प्रभाग सह कई कांग्रेसी नगरसेवकों को भरपूर निधि दी गई. जोशी के जवाब से नितीश ने कहा कि उसका कारण अलग हैं. दरअसल जोशी ने बिना नाम लिए नितीश के साथ कांग्रेस की सीट पर जीत कर आई गार्गी चोपरा को भरपूर निधि देने की जानकारी दी. नितीश ने भी बिना नाम लिए सभागृह को जानकारी दी कि उनके पति जो भाजपा में चले गए, इसलिए सत्तापक्ष ने विशेष ध्यान दिया. जोशी ने अंत में नितीश से चोपड़ा का नाम लेकर उन्हें दी गई निधि के साथ सम्पूर्ण मामला सार्वजानिक करने की मांग की.

सूचना अधिकार के तहत विभाग ने दी गलत जानकारी
नितीश ग्वालवंशी ने उक्त मामले पर चुप्पी साध महापौर से मांग की है कि कांग्रेस नगरसेवक रमेश पुणेकर को सूचना अधिकार के तहत दी गई जानकारी को फर्जी सिद्ध करते हुए सम्बंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की गई. यह भी मांग की कि स्थाई समिति विभाग के तहत मंजूर पद और समिति में तैनात अन्य विभाग के कर्मी की वजह. इस सवालात का जवाब एक पूर्व मांगा गया, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने नहीं, इस संबंध में भी दोषी पर कार्रवाई की मांग की. महापौर ने प्रत्यक्ष कार्रवाई न करते हुए सम्पूर्ण मामले की जांच कर निर्णय लेने का अधिकार आयुक्त को दिया.

काली-पीली पेंटिंग में घोटाला
पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने सड़कों पर काली-पीली पेंटिंग की गुणवत्ता का मामला उठाया. इसका जवाब देने आए मनपा में सबसे ज्यादा विभागों का कार्यभार संभालने वाले डीडी जांभुलकर ने बताया कि सड़क की गुणवत्ता और सड़क पर आवाजाही की स्थिति पर निर्भर है. दटके द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में जानकारी दी गई कि चुनिंदा कुछ मार्गों पर वर्ष में ४-५ दफे पेंटिंग की गई. वह भी कोटेशन-टेंडर के मार्फ़त. इस मामले की जांच उपायुक्त स्तर पर कर अगली आमसभा में रिपोर्ट पेश करने की मांग दटके ने की, जिसे महापौर ने मंजूरी प्रदान करते हुए प्रशासन को आदेश दिया.

बंटी शेलके को जीवनदान
गत आमसभा के कार्यवाही के दौरान सभागृह में आशा वर्करों को प्रवेश करने के लिए उकसाने पर पक्ष-विपक्ष-प्रशासन सभी कांग्रेस के नगरसेवक बंटी शेलके से खफा हो गए थे. सभी का एक सुर में कहना था कि नगरसेवक होकर उक्त कृत गैरकानूनी है. बतौर नगरसेवक सभागृह में सवाल उठाए. सभागृह में कम और बाहर में ज्यादा सक्रिय है. इस मामले के खिलाफ मनपा प्रशासन ने कोतवाली थाने में शेलके के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इस संबंध में सत्तापक्ष के नगरसेवक अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने गत आमसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत उक्त मामले पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी. मेश्राम के सवाल के जवाब में मनपायुक्त ने जानकारी दी कि शेलके को पक्ष में रखने का एक और मौका दिया जाएगा. फिर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

२५ के लिए भी पत्र और ५ के लिए भी
मनपा नियमानुसार २५ लाख तक के प्रस्ताव को आर्थिक मंजूरी प्रदान करने के लिए आयुक्त को अधिकारी दिए गए है. २५ लाख से ऊपर के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए स्थाई समिति को अधिकारी दिए गए हैं. इस सन्दर्भ में कांग्रेस के युवा नगरसेवक कमलेश चौधरी ने प्रशासन से सवाल किया कि २५ लाख के नीचे की निधि के प्रस्ताव के लिए भी स्थाई समिति की पत्र की मांग की जाती है. इसका खुलासा किया जाए, तो पक्ष नेता संदीप जोशी ने जवाब दिया कि स्थाई समिति को वार्षिक बजट के वक़्त ही आर्थिक प्रावधान की मंजूरी दी जाती है, लेकिन अंतिम अधिकार आयुक्त का ही रहता है.

भाजपा, बसपा और कांग्रेस के स्थाई समिति सदस्यों की घोषणा
स्थाई समिति के शेष ७ सदस्यों की आज आमसभा में घोषणा की गई. भाजपा की ओर से नागेश मानकर, कल्पना कुंभलकर, अर्चना पाठक, अभिरुचि राजगिरे, विद्या कन्हेरे तो कांग्रेस की ओर से जुल्फेकार अहमद भुट्टो और बसपा की ओर से मंगला लांजेवार होंगी.

हरे-नीले डस्टबिन की निधि वापिस
सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने जानकारी स्वच्छ भारत अभियान के तहत महापौर, उपमहापौर, स्थाई समिति सभापति के साथ सभी नगरसेवकों से क्रमशः ७५ लाख,२५ लाख,५० लाख व सभी नगरसेवकों के वार्ड निधि से २-२ लाख की निधि काटी गई थी. न्यायलय के निर्णय के बाद उक्त डस्टबिन मुफ्त में बांटने के बजाय जनता खुद ख़रीदे. इस निर्णय के बाद उक्त सभी से संकलन की गई निधि लौटने और उस निधि से विकास कार्य के प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश जोशी ने दिया.

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