Published On : Wed, Mar 22nd, 2017

कक्षा 6-9 तक सीबीएसई लाया नई मूल्यांकन प्रणाली

Advertisement

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने औपचारिक तौर पर 2009 से चले आ रही कॉम्प्रिहेंसिव इवैल्यूएशन स्कीम (CCE) को औपचारिक तौर पर खत्म कर दिया है। आगामी सत्र (2017-18) से यह सिस्टम एक नई प्रणाली से बदल दिया जाएगा। नए सिस्टम में बोर्ड के सभी स्कूलों में एक समान परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड का सिस्टम होगा, जिसकी जानकारी बोर्ड के पास जाएगी।

बोर्ड के चेयरपर्सन आरके चतुर्वेदी ने बताया कि नई प्रणाली में रिपोर्ट कार्ड पर बोर्ड का लोगो भी होगा। साथ ही, उन्होंने जानकारी दी कि 2018 से 10वीं बोर्ड फिर से शुरू करने के तहत ही यह नई प्रणाली भी लाई जा रही है।

यह थी समस्या

उन्होंने कहा कि यह नई प्रणाली बेहतर शिक्षा और अध्यापन के मानकीकरण को ध्यान में रखते हुए लाई जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि पहले के सिस्टम में मानकीकरण की समस्या थी और इस वजह से बच्चों को स्कूल बदलने पर कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 1962 में 309 स्कूलों से बढ़कर अब सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की संख्या 18,688 हो गई है और अब इस नई प्रणाली की मदद से बच्चे आसानी इन स्कूलों में स्थानांतरण कर सकेंगे।

कैसा होगा नया रिपोर्ट कार्ड

नए रिपोर्ट कार्ड्स में 6वीं कक्षा से लेकर 8वीं तक का पैटर्न एक जैसा ही रहेगा, जिसमें टर्म, किताबों और विषय में बढ़ोतरी, अर्ध वार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं के नंबर (ग्रेड्स सहित) शामिल होंगे। इसमें बच्चों को 3 पॉइंट स्केल पर परखा जाएगा। 9वीं कक्षा में फॉर्मेट बदल जाएगा, जिसमें पूरे साल का एक टर्म होगा और पीरियॉडिक टेस्ट, नोटबुक और वार्षिक परीक्षा आदि की जानकारी होगी। इसमें बच्चों को 5 पॉइंट के ग्रेड स्केल पर परखा जाएगा।

परीक्षा पैटर्न में होंगे ये बदलाव

सीसीई स्कीम 2 टर्म पर आधारित होती थी, जिसमें हर टर्म में 2 फॉर्मेटिव असेस्मेंट भी होते थे। इस प्रणाली में बच्चों का 60 प्रतिशत मूल्याकंन लिखित टेस्ट के आधार पर और बाकी 40 प्रतिशत साल के दौरान अध्यापकों द्वारा विभिन्न गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए किए गए मूल्यांकन के आधार पर होता था। नई प्रणाली में भी 2 टर्म होंगे। लेकिन अब 90 प्रतिशत मूल्यांकन लिखित परीक्षा के आधार पर होगा और बाकी 10 प्रतिशत नोट बुक सब्मिशन और सब्जेक्ट एनरिचमेंट के आधार पर होगा।

6वीं कक्षा से लेकर सभी कक्षाओं में टर्म 1 (अर्ध-वार्षिक) का पाठ्यक्रम परीक्षा के समय तक पढ़ाए गए पाठ्यक्रम के मुताबिक होगा, जबकि सालाना परीक्षाओं में इसमें कुछ बदलाव होंगे। इन परीक्षाओं में टर्म 1 का हिस्सा भी शामिल होगा, 6वीं के लिए 10%, 7वीं के लिए 20% और 8वीं के लिए 30%।