Published On : Fri, Jul 23rd, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

11वीं CETवेबसाइट बंद, पंजीयन पर ब्रेक, 3 दिन बाद भी स्थिति में सुधार नहीं

नागपुर. 10वीं का परिणाम घोषित होने के बाद 11वीं प्रवेश प्रक्रिया के लिए शिक्षा विभाग की अधूरी तैयारियां उजागर हो गई हैं. लगातार तीसरे दिन सीईटी पंजीयन हेतु वेबसाइट बंद होने से छात्रों सहित पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. गुरुवार को विभाग ने वेबसाइट को कुछ समय के लिए बंद करने की घोषणा कर दी लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाएगी या नहीं.

कोरोना की वजह से 10वीं बोर्ड की परीक्षा नहीं हुई. परिणाम 9वीं और 10वीं के परफॉर्मेंस के आधार पर बनाया गया. वर्षभर तैयारी करने के बाद भी परीक्षा नहीं होने से छात्र वैसे भी परेशान थे. अब जब परिणाम घोषित हो गया है तो 11वीं की पंजीयन प्रक्रिया में गड़ब़डी ने परेशान कर दिया है, जबकि शिक्षा विभाग के पास तैयारियों सहित नियोजन के लिए भरपूर समय था. वेबसाइट पर ट्रायल सहित अन्य तैयारी की जा सकती थी लेकिन ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ही वर्तमान में यह स्थिति बन रही है. 11वीं प्रवेश के बारे में शिक्षा विभाग द्वारा जूनियर कॉलेजों को भी योग्य तरीके से अवगत नहीं कराया जा रहा है. बोर्ड का कहना है कि उनका काम परीक्षा और परिणाम तक सीमित है, जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मुंबई और पुणे की ओर इशारा कर रहे हैं. अब छात्र शिकायत करें भी कहां, यह स्थिति बन गई है.

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4,000 से अधिक छात्रों के परिणाम रोके
एक ओर जहां सीईटी पंजीयन में तकनीकी गड़बड़ी साथ नहीं छोड़ रही है, वहीं दूसरी ओर 10वीं के परिणाम में गड़बड़ी के मामले में भी हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. कई छात्रों की अंकसूची कोरी आई है. इसमें अंकों सहित विषयों का समावेश नहीं किया गया है. अब इन छात्रों के सामने यह समस्या है कि वे पंजीयन करते वक्त कितने अंक डालेंगे. वहीं कई छात्रों को कुछ विषयों के अंक ही नहीं दिए गए हैं. बताया जाता है कि विभाग के करीब 4,000 छात्रों को विथेल्ड में डालकर उनका परिणाम रोक दिया गया है. अब यह छात्र बोर्ड के चक्कर काटने पर उन्हें संतोषप्रद जवाब नहीं मिल रहा है. नाम, अंक सहित अन्य मिस्टेक को दूर करने के लिए 15 दिन से अधिक का समय लग जाता है. अब जब छात्र सीईटी के लिए आवेदन भरेंगे तो उसमें भी मिस्टेक ही जाएगी.

शिक्षक भी हो गये परेशान
इन सभी गड़बडि़यों के बाद शिक्षा विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र के जूनियर कॉलेजों में 11वीं के प्रवेश नहीं लेने का फरमान जारी कर मुसीबत में डाल दिया है. जिन भागों में 2-3 जूनियर कॉलेज हैं उनके लिए सीईटी के आधार पर प्रवेश लेना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि शिक्षा विभाग ने सीईटी को ऐच्छिक है. यानी सीईटी नहीं देने वाले छात्रों को प्रवेश मिलेगा. संस्थाओं का कहना है कि जब विभाग ने सीईटी को ऐच्छिक रखा है तो फिर ग्रामीण भागों में प्रवेश पर रोक लगाने का कोई औचित्य ही नहीं है.

सीईटी 21 अगस्त को ली जाने वाली है. सीईटी के परिणाम के बाद मेरिट सूची बनेगी. इसके बाद छात्र ऑप्शन फार्म भरेंगे. यानी इस पूरी प्रक्रिया में करीब 15 दिन से अधिक समय लग जाएगा. कोरोना की वजह से जब परिणाम देरी से आए हैं तो विभाग को प्रक्रिया जल्दी निपटना चाहिए था, ताकि छात्रों की पढ़ाई समय पर हो सके. विभाग की मनमर्जी से छात्र, पालक ही नहीं बल्कि शिक्षक भी परेशान हो गए हैं.

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