Published On : Thu, Mar 15th, 2018

एक मंच पर आए 19 विभिन्न महिलाओं के संगठन

Advertisement


नागपुर: आज मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके साक्षरता के प्रति ध्यान देने की अत्यधिक आवश्यकता है। परिपक्व इस्लामी ज्ञान न होने के कारण ट्रिपल तलाक़ का मामला सामने आया। 1939 में शरियत पर आधारित मुस्लिम पर्सनल लॉ बनाया गया था। मुस्लिम विवाह इसी विधि के अंतर्गत आता है। इस विधि का अनुकरण करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। विवाह अधिनियम के तहत वधु पक्ष को बिना दहेज के निकाह कार्यक्रम आयोजित करने की शर्त रखी गई है। वधु को निर्धारित राशि (महर) के आधार पर निकाह स्वीकार करने का अधिकार दिया गया है। निकाह होते ही पति को मेहर की राशि पत्नि को सौंपना ज़रूरी है । ये विचार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जमाअत ए इ‌स्लामी हिंद नागपुर महिला विभाग की ज़िला अध्यक्षा डॉ. सबीहा ख़ान ने अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। यह कार्यक्रम कांग्रेस नगर स्थित धनवटे नेशनल कालेज के सभागृह में आयोजित हुआ था। उन्होंने कहा कि मेहर पाना पत्नि का पहला अधिकार है और दहेज वधु पक्ष पर अत्याचार है। तलाक़ के अंतर्गत महिला को ख़ुला ( तलाक़ लेने) का भी अधिकार है। वर्तमान शासन तलाक़ बाबत मुस्लिम महिलाओं को जिस स्थिति में लाना चाह रही है ,उसमें बहुत सी विसंगतियां हैं। उन्होंने कहा कि यह हर्ष की बात है कि आज हम एक मंच पर 19 विभिन्न महिला संगठन मिल कर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं ।

सरोज आगलावे ने कहा कि अतीत में महिलाओं का व्याधियों से भरे जीवन में शिक्षा के कारण अब सुधार आया है और वे आगे बढ़ रही हैं. शिक्षा के कारण उनके शोषण में कुछ सीमा तक कमियां भी आई हैं। यह ज्योति बाई फुले के प्रयासों का परिणाम है । बाबजूद इसके महिलाओं का पारिवारिक जीवन बहुत सी कुरबानियों पर आधारित है । जिस तरह हम बेटियों में अच्छे संस्कार डालते हैं उसी प्रकार बच्चों को भी सुसंस्कृत करने की आवश्यकता है ।

एडवोकेट रेखा बाराहाते ने कहा कि महिला सक्षम होती है , उसके दुरगामी सुझाव परिवार को सुख और समृद्धि में सहायता प्रदान करते हैं ‌। बच्चे को जन्म से लेकर अपने पैरों पर खड़ा करने में हम महिलाओं की ही मुख्य भूमिका होती है । घरेलू ज़िंदगी के साथ बच्चों का पालन पोषण और उन्हें शिक्षित करना कठिन कार्य है । उन्होंने कहा कि रूढ़िवादी परंपरा के कारण हम घरेलू हिंसा का शिकार बनते हैं । हमें अपने अधिकार जानना चाहिए । लड़के , लड़कियों के भेद को दूर किया जाना चाहिए। हमें अन्याय और अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रतिरोध शक्ति पैदा करना चाहिए।

Gold Rate
27 June 2025
Gold 24 KT 96,400 /-
Gold 22 KT 89,700 /-
Silver/Kg 1,07,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above


अरुणा सबाने विदर्भ की प्रथम महिला संपादक हैं , उन्होंने अपने जीवन संघर्ष की आत्म कथा को व्यक्त करते हुए आत्म निर्भर बनने पर ध्यान आकर्षित किया । उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर बन कर ही मैंने अपने बच्चों का भविष्य संवारा है ‌।

डॉ. शरयुताई तायवाड़े ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि महिलाओं का परिवार में ऊंचा स्थान है , वह मेनेजमेंट की गुरु है । वह घरेलू कार्यों को योजनाबद्घ तरीके से निपटा कर ही बाहरी सामाजिक कार्यों में भाग लेती है ‌। संविधान वाचन शुभांगी घाटोळे की आवाज़ पर श्रोतागणों ने ऊंचे स्वर में उसका समर्थन किया । कार्यक्रम की प्रस्तावना वंदना वनकर तथा आभार संध्या राजुरकर ने किया ।

इस कार्यक्रम में विभिन्न महिला संगठनों में भारतीय महिला फेडरेशन ,शेतकरी संगठन, जमाअत ए इ‌स्लामी हिंद नागपुर महिला विभाग , अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन संगठन ,अनाथ पिंडीक महिला क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, दिक्षाभुमी महिला धम्म संयोजन समिति , धम्म संगोष्ठी बौद्ध महिला मैत्री संघ,राष्ट्रीय ओ.बी.सी. महिला महासंघ , माहेर सामाजिक संस्था , जे. के.एस.सखी मंच , विदर्भ असंगठित कामगार संगठन , सुबुद्ध महिला संघटना , पलीता महिला बहु समाज सेवा संस्था तथा आवाज़ आशा ,टॉपर फाउंडेशन आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। संचालन सफ़िया अंजुम एवं बेनज़ीर ख़ान ने किया । कार्यक्रम में अत्यधिक संख्या में विभिन्न समुदाय की युवतियां और महिलाऐं उपस्थित थीं ‌। जमाअत ए इस्लामी नागपुर के मीडिया सचिव डॉ एम.ए. रशीद ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया.

Advertisement
Advertisement