सोयाबीन बीज अंकुरित न होने का मामला

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अकोला। खरीफ मौसम में कई किसानों ने बोए सोयाबीन के बीज अंकुरित ही नहीं हुए थे, जिससे नुकसानग्रस्त किसानों ने संबंधित कंपनियों की ओर मदद की गुहार लगाई थी. इस पर अब तक 412 किसानों को संबंधित कंपनियों ने राहत दी है. जबकि चार माह बाद भी 131 किसान राहत की प्रतीक्षा में है. उल्लेखनीय है कि मोनिका सिड्स शहाजहानपुर, आएआएएफडीसी, अमित सिड्स खंडवा की ओर से कृषि विभाग को कोई सहयोग प्रदान नहीं किया गया. इसके चलते जिला परिषद कृषि विभाग ने कृषि सहसंचालक अमरावती कार्यालय की ओर ब्यौरा भेजा गया है.
इस पर कृषि आयुक्तालय पुणे के निर्देश पर आवश्यक कार्रवाई होगी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी. खरीफ 2014 में अनियमित तथा अत्यल्प बारिश से किसान संकट से घिर गया. इस दौरान दुसरी, तीसरी बार बुआई करने की नौबत किसानों पर आई. ऐसी स्थिति में कई किसानों ने बोए सोयाबीन के बीच अंकुरित ही नहीं हुए थे, जिससे शिकायतों का लंबा दौर चला. पश्चात की गई पडताल में मुआवजे के लिए १ हजार 815 किसान पात्र रहे. इन किसानों को कंपनियों की ओर से मुआवजा या बीज बैग देना अपेक्षित था. इसके मुताबिक अब तक 1 हजार 361 किसानों को 3 हजार 403 बीज की बैग तथा 73 लाख ८ हजार रूपए मुआवजे स्वरूप दिए गए. लेकिन कुछ कंपनियों ने कृषि विभाग को सहयोग प्रदान नहीं किया और किसानों को मुआवजा देने में कोई प्रतिसाद भी नहीं दिया. जबकि कुछ कंपनियों ने कुछ किसानों को मुआवजा दिया और कुछ को लंबे समय से प्रतीक्षा कराई जा रही है. मोनिका सिड्स शहाजहानपुर कंपनी की ओर से 1 किसानों को 6 बैग की भरपाई दी जानी चाहिए थी, लेकिन कंपनी ने किसान को मुआवजा नहीं दिया . इसी प्रकार अमित सिड्स खंडवा कंपनी की ओर से 2 किसानों को 8 बैग बीज की भरपाई दी जानी चाहिए थी, यहां भी कंपनी ने कृषि विभाग को प्रतिसाद नहीं दिया, जिससे किसान मुआवजे से वंचित हैं. आएआएएफडीसी कंपनी की ओर से 2 किसानों को 10 बैग के बदले में मुआवजा मिलना चाहिए था, लेकिन कंपनी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. महाबीज की ओर से अब तक 546 किसानों को 1365 बैग सोयाबीन तथा 30 लाख 3 हजार रूपए नगद मुआवजा दिया गया है. जबकि 64 किसानों को मुआवजे का इंतजार है.
सूत्रों के अनुसार महाबीज ने लगभग सभी किसानों को मुआवजा दे दिया है, लेकिन इसकी अधिकृत जानकारी कृषि विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई है. वही कृषिधन जालना ने 54 किसानों को मुआवजे स्वरूप 392 बैग सोयाबीन बीज तथा 9 लाख 22 हजार रूपए नगद राशि दी. जबकि 43 किसान लंबे समय से राहत की प्रतीक्षा में है, जिन्हें 234 बैग सोयाबीन बीज के नुकसान की भरपाई देनी है. प्रगति खंडवा कंपनी ने 13 किसानों को राहत दी, लेकिन 2 किसानों को 7 बैग बीज का मुआवजा मिलना बाकी है. इसी प्रकार बालाजी खंडवा कंपनी ने 16 कंपनियों को मुआवजा दिया गया, लेकिन 5 किसानों को 17 बैग बीज का मुआवजा नहीं मिला है. जिससे 12 किसानों को लंबे समय से इंतजार है. इस प्रकार कंपनियों को लंबे समय से इंतजार है. इस प्रकार कंपनियों के असहयोग के चलते कृषि विभाग ने कृषि सहसंचालक अमरावती कार्यालय की ओर ब्यौरा भेजा है. अब संबंधित कंपनियों के खिलाफ कृषि आयुक्तालय पुणे कार्यालय क्या कार्रवाई करता है इसकी ओर सभी की नजरें लगी हुई हैं .