नागपुर: शीतकालीन अधिवेशन के तीसरे दिन मनपा द्वारा संचालित ‘आपली बस’ की सवा सौ बसों के पहिए नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने थाम लिए। इससे हज़ारों यात्रियों को अकारण आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। दरअसल आंदोलन करनेवाले इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें उनकी शर्तों पर नौकरी पर दोबारा लिया जाए साथ ही दिल्ली की बस ऑपरेटर कम्पनी आर के सिटी को बर्खास्त किया जाए।
उक्त बस ऑपरेटर धंतोली स्थित डिपो से अपने अधिनस्त बसों का मनपा परिवहन विभाग के निर्देशानुसार संचालन कर रहा था। उक्त बर्खास्त कर्मी को 2 माह पहले ही उसके अनैतिक करतूतों की वजह से परेशान होकर ऑपरेटर ने उसे नौकरी से हटा दिया था। इसके पूर्व कुछ और को भी ऑपरेटर ने बर्खास्त किया था। अधिवेशन के शुरू रहते अपनी बातों को मनवाने के उद्देश्य से उक्त बर्खास्त चालकों ने तय रणनीति के आधार पर आज सुबह से ही डिपो पहुंच एक भी बस निकलने नहीं दी और जो भी चालक बस संचलन के लिए तैयार हुए, उसे जबरन रोक दिया।
जबरन हड़ताल में शामिल बस चालकों के अनुसार उन्हें समय पर और न्यूनतम वेतन नहीं दिए जाने के कारण हड़ताल की गई है। हड़ताल का नेतृत्व कर रहे बर्खास्त बस चालक अन्य ऑपरेटरों के बस चालकों पर भी दबाव बना रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक मनपा परिवहन विभाग ने उक्त हड़ताल के नेतृत्व करनेवालों के खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में पत्र दिया लेकिन डिपो पर पुलिस आई और लौट गई। 1 उल्लेखनीय यह है कि अब मामला मनपा आयुक्त के पाले में है, वे कड़क निर्णय लिए तो ही हड़ताल खत्म हो पाएगी, वर्ना कल भी पटवर्धन डिपो से बसें नहीं चलेंगी और नियमित यात्री हलाकान होंगे।