अकोला। लगभग दो पखवाडे से पश्चिम विदर्भ में दहशत फैलाने वाले स्वाइन फ्लू ने तीसरी बलि ली है. शहर के निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे जलगांव जामोद निवासी 35 वर्षीय विजय राजाराम भोपाले की स्वाइन फ्लू के संक्रमण से मौत होने की पुष्टि जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई है. भोपाले को मिलाकर अब तक तीन मरीजों की स्वाइन फ्लू ने जान ली है. विषाणुओं से होने वाला एन-1, एच-1 यह मर्ज श्वसन रोग है. जो छींकने या खांसने के कारण हवा के माध्यम से संक्रमण को फैलता है. इसका असर सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशू, बच्चे, बुढे तथा अस्थमा एवं मधुमेह, एचआईवी से संक्रमित मरीजों पर तेजी से पडता है. इस बीमारी में सर्दी, खांसी और फ्लू की बुखार होना, गले में खराश, सांस लेने में परेशानी, बदन दर्द, सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है. इस तरहके लक्षण नजर आते ही केमिस्ट से दवा लेने के बजाए तत्काल चिकित्सक से संपर्वâ कर उचित परामर्श लेना चाहिए. अकोला जिले में अब तक 75 संदिग्ध मरीजों के खून व बलगम के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं.
वर्तमान में स्वाइन फ्लू के 6 पाजिटिव मरीज तथा 12 संदिग्ध मरीज सर्वोपचार अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. जबकि 6 पाजिटिव एवं 4 संदिग्ध नगर के आयकॉन अस्पताल में इलाजरत हैं. चार दिन पूर्व डाबकी रोड निवासी 70 वर्षीय जानराव मुले की स्वाइन फ्लू से मौत हुई थी. उसके बाद अकोट फ़ैल निवासी ज्योति बल्लाल नामक युवती जो कि स्वाइन फ्लू की संदिग्ध थी उसकी मौत हो गई. गुरुवार सुबह 10 बजे जलगांव जामोद निवासी 35 वर्षीय विजय राजाराम भोपाले की मौत हुई है. उसे 22 फरवरी को अकोला के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तबीयत बिगडने के कारण उसे आयकॉन में भर्ती किया गया. वहां जांच में पाजिटिव पाए जाने के बाद हालात बिगडने से उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था. जहां आज सुबह 10 बजे उसकी मौत हो गई. जिसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है और अब तक एन 1, एच 1 से तीन मरीजों के मरने की जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई है.