Published On : Sat, Jul 12th, 2014

सावनेर : टेंभुरडोह के रेत घाटों पर है लहू का राज

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दिन-रात जारी रेत की चोरी, अधिकारी बने मूक दर्शक


दो राज्यों की सीमा का उठा रहा फायदा


सावनेर

sand truck
सावनेर तालुका में टेंभुरडोह के अ, ब, क घाटों पर इन दिनों रेत तस्कर लहू बांगड़े का राज है. मध्यप्रदेश सीमा से सटे महाराष्ट्र राजस्व विभाग के सावनेर कार्यालय के अधिकार-क्षेत्र में आने वाले इन घाटों से लहू बांगड़े दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन कर रहा है. मगर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. दरअसल, कार्रवाई करने की भनक लगते ही वह महाराष्ट्र से सीमा पार कर मध्यप्रदेश पहुंच जाता है. परिणामस्वरूप कार्रवाई के लिए जाने वाले महाराष्ट्र के राजस्व अधिकारियों को मन मसोस कर खाली हाथ लौट आना पड़ता है. बस, लहू बांगड़े इसी का फायदा उठाते हुए रेत-चोरी में लगा हुआ है.

उधर माकेगांव, इधर टेंभुरडोह
मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र में प्रवेश करने वाली कन्हान नदी के मध्यप्रदेश स्थित माकेगांव रेत घाट का ठेका नितिन अग्रवाल को दिया गया है, तो महाराष्ट्र की सीमा से सटे टेंभुरडोह के तीन घाटों अ, ब, क का नीलाम पर्यावरण विभाग की अनुमति के चलते लटका हुआ है. इसी का फायदा रेत तस्कर लहू बांगड़े ने उठाया है और अवैध रूप से रेत का भंडारण शुरू किया है.

घना जंगल, दुर्गम रास्ते
सावनेर राजस्व विभाग के तहत आने वाले तीनों टेंभुरडोह अ, ब, क घाट जंगली भाग में स्थित हैं. घना जंगल और दुर्गम रास्तों के कारण अधिकारी और कर्मचारी इन घाटों पर जाने से कतराते रहते हैं. दूसरी ओर, रेत चोर जरूरत पड़ने पर मध्यप्रदेश पलायन कर कार्रवाई से बचते रहते हैं और विभाग की आंखों में रेत (धूल) झोंकते रहते हैं.

मिलीभगत और नेताओं से मधुर संबंध
टेंभुरडोह घाट पर जाने के लिए बडेगांव, चारगांव रास्ते का उपयोग किया जाता है. यह क्षेत्र खापा पुलिस स्टेशन और खापा वन परिक्षेत्र में आता है. इस वन क्षेत्र में अनेक वन्य प्राणियों का बसेरा है. बावजूद इसके, रेत चोरों की बढ़ती आवाजाही चिंता का विषय बनी हुई है. इसी के चलते अफसरों और रेत माफिया के बीच मिलीभगत के आरोप भी लगते हैं. बताया जाता है कि रेत तस्कर लहू बांगड़े के स्थानीय बड़े नेताओं और सावनेर के तहसीलदार से मधुर संबंध हैं. इसीलिए उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती. एल. के. बी. ट्रांसपोर्ट के ट्रक दिन-रात बेखौफ रेत ढोते रहते हैं. मजाल है कोई उन्हें रोक ले.

संयुक्त कार्रवाई हो : ढुंढेले
समाजसेवी किशोर ढुंढेले ने कहा है कि खापा, सावनेर, कलमेश्वर, खापरखेड़ा पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत मुख्य रास्ते पर राजस्व विभाग, राज्य परिवहन विभाग, वन विभाग और पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से कार्रवाई करना जरूरी है. इसके बगैर अवैध रेत चोरी पर रोक लगना मुश्किल है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज्य सरकार के करोड़ों रुपयों के राजस्व पर लहू बांगडे जैसे माफिया डाका डालते रहेंगे.