सरकार की नीतियों के चलते हुआ योजना का बंटाढार
वेलतूर
केंद्र सरकार की राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही कृषि फसल बीमा योजना को इस इलाके में किसानों का बहुत कम समर्थन मिला है. इससे इस क्षेत्र में योजना के बारह बज गए हैं.
हर साल सरकार द्वारा किसानों को फसल से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कृषि फसल बीमा योजना चलाई जाती है. लाभ लेने के लिए किसानों को मनाया जाता है. इसके लिए अभियान चलाया जाता है. कहा जाता है कि किसान अपनी फसल का बीमा कराएं और भविष्य में आनेवाली प्राकृृतिक आपदाओं से अपनी फसलों का संरक्षण करें. मगर योजना में व्याप्त त्रुटियों और क्रियान्वयन में देरी के कारण योजना किसानों के लिए वरदान की बजाय शाप साबित हो रही है.
पिछले साल इस क्षेत्र के किसानों ने कृषि विभाग के दावे को प्रतिसाद देते हुए खरीफ और रबी की फसलों का बीमा कराया. बीमा की किश्तें भी चुकाई, मगर खरीफ के मौसम में अतिवृष्टि और रबी के मौसम में ओलावृष्टि के कारण फसलों का पूरी तरह से नुकसान हो गया था. राजस्व विभाग की ओर से जांच-पड़ताल कर सरकार को रिपोर्ट भेजी. सरकार ने आर्थिक मदद भी घोषित की, उसका वितरण भी किया. मगर बीमा से एक पैसा भी नहीं मिला. इससे किसानों को लगने लगा है कि यह योजना लाभ की नहीं बल्कि, उन्हें फंसाने वाली है. इसलिए किसान बीमा निकालने को उत्सुक नहीं दिखाई दे रहे.
सरकार को अगर इस योजना को चलाना है तो उसे पहले की बीमा की पूरी राशि किसानों को देनी होगी, तभी आगे किसान कृषि फसल बीमा निकालने के लिए आगे आ सकेंगे.