Published On : Thu, Aug 14th, 2014

विधानसभा चुनाव में भाजपाई आस पर कांग्रेसी खास

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नागपुर टुडे

विदर्भ के सभी जिलो में सबसे ज्यादा विधानसभा चुनावी क्षेत्र नागपुर जिले में है.नागपुर जो विदर्भ वाले अपनी राजधानी समझते है.पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नागपुर जिले ९ सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे, जिसमे से ७ जीते ओर शिवसेना ने ३ सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे,जिसमे से १ पर ही जीत दर्ज करवा पाए.वही कांग्रेस ने १० सीटें लड़ी मात्र ३ जीती ओर एनसीपी ने २ लड़ी १ सीट पर ही जीत दर्ज करवा पाई.

विगत माह नागपुर लोकसभा ओर रामटेक लोकसभा सीटें युति गठबंधन ने जीती.इसका बारीकी से अध्ययन किया जाये तो जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रो में युति गठबंधन
को उम्मीद से अधिक मत मिले.यह भी उतना ही सच है कि लोकसभा ओर विधानसभा चुनाव में काफी अंतर है.लोकसभा चुनाव के वक़्त कांग्रेस के खिलाफ जिस प्रकार का
वातावरण तपा हुआ था,आज वैसा माहोल नहीं है.मुस्लिम ओर मराठा आरक्षण कांग्रेस के लिए रामबन साबित हो सकती है.आगामी विधानसभा चुनाव का प्रमुख मुद्दा सपना बनी मिहान,उजाड़ बुटीबोरी-हिंगना MIDC,शिक्षित बेरोजगारों का रोज हो रहा स्थालान्तरण, अनधिकृत लेआउट्स का थमा विकास,शहर-ग्रामीण वासियों को रोजमर्रा की
मुलभुत सुविधाए से वंचित रखना आदि बन सकता है.इसके अलावा सभी १२ विधानसभाओ का अपना-अपना अलग-अलग ज्वलंत चुनावी मुद्दा भी हिचकोले खायेंगी.भाजपा ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष मदद ली.इस किये गए मदद को भुनाने के लिए सभी आतुर है.

नागपुर शहर के ६ में से ४ विधानसभा सीट भाजपा के कब्जे में है.वही २ कांग्रेस के कब्जे में है.सभी पक्षों के लिए पश्चिम और दक्षिण नागपुर सरदर्द बनकर उभरी है.पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सुधाकर देशमुख ने कांग्रेस के दिग्गज जुगाडू उम्मीदवार को बड़े करीब जाकर पटकनी दी थी.फिर बीच में स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण देशमुख ने चुनाव न लड़ने की इच्छा पक्ष के दिग्गज नेताओ से की थी,लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले मतों का अम्बार से देशमुख का मन परिवर्तन हो गया और पुनः चुनाव लड़ने के लिए खुद को तैयार बतलाना शुरू कर दिए.इस बीच पश्चिम नागपुर से भाजपा उम्मीदवारी के लिए अपना जनसंपर्क बढाकर अपने-अपने द्वारा किये गए कार्यो का लेखा-जोखा संजोये दावेदारी करने वालो की सूची लम्बी हो गई है.इनमें से परिणय फुके जैसे आज तक संघर्षरत है.यह तय है कि फुके मुलक के पक्ष में बैठ और विकास के खिलाफ खड़े होंगे.इसके अलावा हाल ही में भाजपाई चोला पहने दत्ता मेघे अपने कनिष्ठ पुत्र के लिए सभी को मार्ग से हटने का गुजारिश कर रहे है.दूसरी ओर कांग्रेस में भाजपा से ज्यादा मारामारी है.पिछले चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर हारे अनीस पुनः पश्चिम से टिकट मांगेगे या नहीं किसी को पता नहीं.लेकिन यह तय है कि अनीस की कूटनीति के अनुसार वह सक्रीय दीखते कही ओर वक्र दृष्टि कही और रखते है.मुख्यमंत्री के करीबी राजेंद्र मुलक,शहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष विकास ठाकरे में पश्चिम नागपुर से उम्मीदवारी को लेकर टसल सार्वजानिक है.मुलक के लिए मुख्यमंत्री ओर ठाकरे के लिए प्रदेशध्यक्ष की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है.मनसे के प्रशांत पवार नही दिन-रात एक कर चुनावी जंग में कूदने के लिए संघर्षरत है.

पूर्व नागपुर विधानसभा में भाजपा को सबसे ज्यादा मत मिले थे.यहाँ पर भाजपा ने कांग्रेसी दिग्गज सतीश चतुर्वेदी को हराया था.इस बार भाजपा विधायक खोपड़े का टिकट पक्का है,वही कांग्रेस की टिकट के लिए चतुर्वेदी के अलावा अधिवक्ता अभिजित वंजारी आदि प्रयासरत है.रिपब्लिकन आन्दोलन का गढ़ रहा उत्तर नागपुर से कांग्रेस विधायक नितिन राउत का टिकट पक्का है,वही भाजपा की टिकट के लिए मधुसुदन गवई, वनिता तिरपुडे, मिलिंद माने, रणजीत सफेलकर, संदीप गवई आदि प्रयासरत है. मध्य नागपुर से भाजपा के वर्त्तमान विधायक के विरोध में यशवंत बाजीराव, प्रवीण दटके, दयाशंकर तिवारी, गिरीश व्यास टिकट की मांग कर माहोल गरमाए हुए है, वही कांग्रेस की ओर से अनीस अहमद,कांता पराते,हैदर अली दोसानी,जयप्रकाश गुप्ता आदि टिकट की जुगाड़ में है. दक्षिण-पश्चिम से भाजपा विधायक देवेन्द्र फडणवीस बनाम संभावित कांग्रेसी उम्मीदवार प्रफ्फुल गुर्धे पाटिल के मध्य टक्कर होना तय माना जा रहा है. दक्षिण नागपुर के कांग्रेसी विधायक दीनानाथ पडोले के विरुद्ध अभिजित वंजारी, विशाल मुत्तेमवार, विकास ठाकरे कतारबद्ध है, तो युति गठबंधन शर्त के अनुसार यह सीट फ़िलहाल शिवसेना कोटे में है.इसके लिए शेखर सावरबांधे और किरण पांडव समेत हाल ही में शिवसेना में प्रवेश लिए किशोर कन्हेरे प्रयासरत है. अगर भाजपा-सेना ने सीटें अदला-बदली की तो यह सीट भाजपा कोटे में जा सकती है तब छोटू भोयर सह अविनाश ठाकरे टिकट हथियाने का प्रयास करेंगे.

संघर्षो भरा रामटेक लोस के सभी विस(विधानसभा)
वर्त्तमान में रामटेक लोकसभा क्षेत्र में ६ विधानसभा में से ३ भाजपा ओर १-१ कांग्रेस,एनसीपी,सेना के कब्जे में है.काटोल से एनसीपी के अनिल देशमुख का लड़ना तय है लेकिन इनके खिलाफ शिवसेना का कौन उम्मीदवार होगा यह तय नहीं है.शिवसेना के टिकट के लिए राजू हर्ने,किशोर कन्हेरे ओर प्रकाश जाधव प्रयासरत है.हिंगना में पिछले चुनाव में भाजपा के नए-नवेले उम्मीदवार विजय घोडमारे ने एनसीपी के घाघ उम्मीदवार रमेश बंग को घर बिठाया था.इस बार घोडमारे के खिलाफ वातावरण है,यहाँ से नागपुर जिला परिषद् अध्यक्ष संध्या गोतमारे ओर अधिवक्ता बी जे अगरवाललड़ने के लिए इच्छुक है.अगर पश्चिम नागपुर से समीर मेघे को मौका न मिला तो हिंगना से उम्मीदवारी मिल सकती है.कामठी विधानसभा में भाजपा विधायक चंद्रशेखर बावनकुले को पक्ष अंतर्गत कोई स्पर्धा नहीं है, वही कांग्रेस की ओर से सुरेश डफरे, राजा तिडके, नाना कम्भाले ओर सुनीता गावंडे आदि प्रयासरत है. उमरेड विधानसभा में पिछले दफा भाजपा उम्मीदवार सुधीर पारवे के विरुद्ध कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शिरीष मेश्राम अब भाजपा में आ गए और भाजपा टिकट की दावेदारी कर पारवे के लिए अड़चन पैदा कर दिए है.रामटेक के विधायक आशीष जैसवाल के विरुद्ध कांग्रेस तगड़े उम्मीदवार की तलाश में है.इस क्रम में पूर्व कांग्रेसी प्रदेशध्यक्ष रणजीत देशमुख के पुत्र अमोल का नंबर लग सकता है.सावनेर विधानसभा में कांग्रेसी विधायक को कड़ी टक्कर देने के लिए भाजपा आशीष देशमुख,सोनबा मुसले,भाजपा जिलाध्यक्ष पोतदार में से किसी एक को उम्मीदवारी डे सकती है.लेकिन मुसले को टिकट नहीं दिया गया तो इस चुनाव में मोहरा के रूप उपयोग किये जायेंगे.यानि जिले के प्रत्येक सीट पर संघर्ष देखा जा सकता है.

Representational pic

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