उप मुख्य अधिकारी (पं) संजय इंगले का प्रतिपादन
राष्ट्रीय पेयजल कार्यकम अंतर्गत कार्यशाला संपन्न
वाशिम
जिले की जिन ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के काम प्रगति-पथ पर हैं, जिन योजनाओं के कुछ काम रुके हुए हैं और वर्ष 2014-15 के कार्य-मसौदा में नए सिरे से शामिल योजनाओं में आनेवाली कठिनाइयों को दूर करने की दृष्टि से जुलाई में सरकार ने कुछ फैसले किए हैं. इससे आमूलचूल बदल होगा. जिला परिषद के उप मुख्य अधिकारी (पं) संजय इंगले ने यह प्रतिपादन किया.
राष्ट्रीय पेयजल कार्यकम के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में इंगले बोल रहे थे.. जिला पानी व स्वच्छता मिशन कक्ष और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रुचेश जयवंशी ने की. इंगले ने आगे कहा कि इससे पूर्व जन-सहयोग निधि ली जाती थी, जो अब पूरी तरह से बंद कर दी गई है. उसी तरह खुले में शौच-मुक्त गांव योजना में भी परिवर्तन किया गया है.
इस अवसर पर विभागीय भारत निर्माण कक्ष अमरावती के सहायक अभियंता संजय लेवलकर, उप कार्यकारी अभियंता एन. एफ. राठोड, उप मुख्य कार्यकारी अभियंता (बा. क.) योगेश जवादे, जिला परिषद सदस्य लोले आदि उपस्थित थे. उसी तरह इस कार्यशाला में जिले के वरूड, बोराला, बेलखेड़ा, पोहा, तांदली बु, वाई, पोहरादेवी आदि गांवों की स्वच्छता समिति के अध्यक्ष-सचिव और रिसोड, मालेगांव, कारंजा, मानोरा, मंगरुलपीर, वाशिम पंचायत समिति स्तर के उप अभियंता, शाखा अभियंता, ग्रामसेवक और कर्मचारी उपस्थित भी थे.
कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन जिला जलापूर्ति कार्यालय के एस. टी. आंबेकर ने किया. कार्यक्रम की सफलता के लिए राजू सरतापे, पी. वी. काले, वी. के. राजुरकर, एस. के. चानेकर, आर. वाय. श्रृंगारे, पी. वी. चव्हाण, पी. यू. सावलकर, पुष्पलता अफुने, ए. वी. घुगे, ए. बी. दधारे, एस. एस. ठोम्बरे, आर. एम. पडघान, पी. जी. पान्हेरकर,
वी. पी. नागे, एस. वी. खरात ने प्रयास किया.