Published On : Wed, Feb 19th, 2014

रामटेक : सैनिको गुटबाजी छोड़ दो वर्ना लोकसभा सीट भाजपा को दे दूंगा

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shivsenabjpउद्धव ठाकरे का नागपुर जिले के शिवसैनिको के लिए फतवा जारी 
रामटेक.
शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने नागपुर जिले के शिवसैनिको और उनके तथाकथित नेताओ और सेना के जिला स्तरीय पदाधिकारियो को अपने अंदाज से चेताया कि आगामी लोकसभा में उम्मीदवार वे देंगे उसे जीतकर लोकसभा ने भेजने का काम सेना नेता,पदाधिकारी और सैनिको की रहेगी। वर्त्तमान में चल रही गुटबाजी के कारण ४ गुटो में जिले की सेना विभक्त है,कोई प्रकाश जाधव,कोई आशीष जैस्वाल,कोई अभयंकर हिमायती तो कोई सिर्फ सेना का बनकर अपने-अपने गुट के उम्मीदवार को प्रस्तुत कर उम्मीदवारी दिलवाने के लिए लाबिंग कर रहा था.इससे परेशां ठाकरे ने सभी को चेताया कि किसी एक गुट को महत्त्व दिया तो शेष ३ गुट उसका विरोध करके उसे हरा देगी,इसलिए सभी गुट सिर्फ हमारे द्वारा दिए गए उम्मीदवार को सांसद बनाने में जुट जाये। अगर यह शर्त सभी को मंजूर नहीं है तो भाजपा यह सीट अदला-बदली करना चाह रही ,उन्हें दे देता हु.पिछले दफा गुटबाजी के चक्कर में बहुत ही कम अंतर से सेना उम्मीदवार हारा था.
 
लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी काफी तेज हो गई है, इस क्रम में रामटेक लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस से खींचंने के लिए भाजपा और सेना मे  संघर्ष चल रहा है. भाजपा-सेना में युति गठबंधन के तहत रामटेक लोकसभा सेना के कोटे में है. लेकिन जब से भाजपा एमएलसी नितिन गडकरी ने नागपुर लोकसभा चुनाव लड़ने का मानस बनाया तब से विदर्भ की शत-प्रतिशत लोकसभा सीटो पर भाजपा का भगवा लहराने के इरादे से जमकर कोशिश दर कोशिश कर रहे है.
यह सम्भव नहीं हुआ तो गडकरी की मानसिकता यह भी है कि कम से कम वैसे लोग लोकसभा चुनाव जीतकर आये या मनमाफिक उम्मीदवार को जीता कर लाया जाये जो उनकी सुने और उनके इरादे -मनसूबे को पूरा करने में साथ दे फिर वे किसी भी पार्टी के क्यों न हो.
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दिग्गज गांधी परिवार का करीबी मुकुल वासनिक  ने अपने पिता और इलेक्शन प्लानर द्वारा रिपोर्ट पर गम्भीरता से अध्ययन कर रामटेक से लोकसभा चुनाव लड़े थे. केदार-देशमुख प्रभावी रामटेक लोकसभा क्षेत्र में सभी कांग्रेसी ने ताकत झोंकी फिर भी मुकुल वासनिक हारते-हारते बचे, वह भी मामूली अंतर से.
सूत्रो  के अनुसार , पिछले चुनाव में सेना उम्मीदवार सावरबांधे गुट का होने का आभास होते ही प्रकाश जाधव गुट ने चुनाव आखिरी वक़्त पर ढीला छोड़ दिया था तो आशीष जैस्वाल ने रामटेक शहर-जिला में २ घंटे सेना के वोटिंग रोककर कांग्रेस का वोटिंग बढ़ाने का निर्देश देकर कांग्रेसी उम्मीदवार की मदद की थी.
इसके बावजूद भी मुकुल वासनिक ने सबक न सीखते हुए पिछले ५ वर्ष में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं किया,चुनाव के दौरान मुकुल जितने गाव का दौरा किये थे उसके बनस्पत पिछले ५ वर्ष न गाव के तरफ झांक कर देखे और न ही कार्यकर्ताओ और मतदाताओ से मुलाकात कर उनकी जायज मांगो को पूरा किया। इसके बावजूद भी अगर मुकुल फिर रामटेक से लोकसभा लड़ते है तो उन्हें हर जगह से पसीना बहाना पड़ेगा,सम्भवतः इस बार उनके साथ केदार,देशमुख अधूरे-अधूरे साथ देंगे,मुकुल का चुनाव प्लानर गायब रहेगा,उसके सारे हथकंडे इस चुनाव से नदारत रहेगे।