Published On : Sat, Jun 21st, 2014

राजनीति में गिरते कदम अनीस अहमद का , जिसको बनाने में अहम भूमिका निभाई उसी ने बेदखल किया

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Anees-Ahmed.-600x400नागपुर टुडे

कहा जाता है कि राजनीति में जब किसी की चलती है,खूब चलती है और जब उल्टी गिनती शुरू होती है तो राजनीति में बहुत नीचे तक ला खड़ा करती है.तब हर कोई भला-बुरा कह-सुना जाता है.सभी कुछ सुननी-सहनी पड़ती है.ऐसा ही कुछ नागपुर के एकमात्र कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता अनीस अहमद के साथ हो रहा है.मध्य नागपुर से राजनीति करने पश्चिम नागपुर आये फिर घाघ कॉंग्रेसियो ने समझा-बुझा कर वापिस मध्य नागपुर में भेज दिया,अब मध्य नागपुर वाले सबक सिखाने को आतुर है.

कांग्रेस नेता अनीस अहमद ने चुनाव लड़ना मध्य नागपुर से शुरू किया था,यहाँ से १ हारे तो २ विधानसभा चुनाव जीते और मंत्री बने.लेकिन मध्य नागपुर का विकास ठीक से नहीं किया।राजनीति में अहमद पटेल को पकड़कर मनचाहा मकसद पूरा करते रहे कि अचानक राजनितिक करियर में जुआ खेलते हुए मध्य नागपुर को छोड़ पश्चिम नागपुर की ओर रुख कर अहमद पटेल के मार्फ़त पिछले विधानसभा में कांग्रेस की टिकट ले आये और पश्चिम नागपुर से तैयारी करने वाले कॉंग्रेसियो के सपने पर पानी फेर दिए.यह ख़ुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाई,पश्चिम नागपुर में प्रभाव रखने वालों ने अनीस अहमद के सपनों पर पानी फेरते हुए हरवा दिया,तब मध्य नागपुर के अनीस समर्थको का मुँह खुल गया कि क्यों गए थे अपना क्षेत्र छोड़कर ,आखिर घर बैठा दिया न नेताओ ने.

फिर अहमद पटेल ने अनीस को राजनीति में जिन्दा रखने के लिए आल इंडिया कांग्रेस समिति का सचिव बनाकर कई राज्यों का कांग्रेसी प्रभारी बना दिया,वहाँ जब अच्छी छनने लगे तो अचानक आल इंडिया कांग्रेस समिति के कार्यकारिणी में बदलाव पर अनीस को सभी पदो से मुक्त कर दिया गया.यह बात किसी को हजम नहीं हुई.खबर यह छन कर आ रही है कि किसी गैरकृत में नाम उछला,कांग्रेस के शीर्षस्थ नेताओ को खबर पहुँचाई गई की इंटेलिजेंस ब्योरो द्वारा जाँच चल रही है इसलिए आनन-फानन में उक्त नेताओ ने सभी पद छीन लिए.जाँच दल नागपुर आया था और एक मंत्री से मुलाकात कर उनसे अनीस के बारे में पूछताछ की,मंत्री ने खुद तो जानकारी दी और २-३ अनीस विरोधियो का भी नाम-पता बताकर अपना पीछा छुड़ा लिया,यह जाँच संभवतः १ साल से जारी है.

इसी बीच विधानसभा चुनाव की आहत से सकते में आये कांग्रेस राज्यमंत्री राजेंद्र मुलक ने पश्चिम नागपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा से अपने नेता मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहाण को अवगत करवाकर अनीस को बुलवाया और अनीस पर दबाव बनाकर उसे पुनः मध्य नागपुर भिजवा दिया,बहुत ही कम लोगो को पता है कि अनीस के कहने पर राजेंद्र मुलक को स्थानीय स्वराज्य से चुनकर विधायक बनने हेतु टिकट दी गई थी , एमएलसी बनने बाद ही मुख्यमंत्री बनने पर पृथ्वीराज चौहाण ने मूलक को राज्यमंत्री बनाया था.अब उसी मुलक ने अनीस पश्चिम नागपुर चुनावी क्षेत्र भी छीन ली.मुख्यमंत्री की बात टालने की बजाय अनीस ने परिस्थिति से समझौता कर मध्य नागपुर उलटे पाव लौट गए,इस बदलते परिदृश्य से मध्य नागपुर के अनीस समर्थक-विरोधियो के बाछे खिल गए और राह देख रहे है आगामी विधानसभा चुनाव का,ताकि अपने-अपने स्तर से भड़ास निकल सके.