मौदा
देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गुरवार 21 अगस्त को नागपुर के निकट स्थित मौदा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के 1000 मेगावाट (2×500 मेगावाट) चरण-I राष्ट्र को समर्पित करेंगे. चरण-I में रु. 5459 करोड़ के निवेश और चरण-II के लिए रु. 7921 करोड़ के प्रस्तावित निवेश के साथ यह प्रोजेक्ट राज्य में एनटीपीसी का सबसे बड़ा विद्युत स्टेशन बनने को तैयार है.
महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल के. शंकरनारायणन, माननीय मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र पृथ्वीराज चैहाण, माननीय केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नितिन गडकरी एवं माननीय केन्द्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, एनटीपीसी के सीएमडी डा. अरुप राय चैधरी, निदेशक प्रचालन एन.एन. मिश्रा, निदेशक मानव संसाधन, यू पी पाणि, एनटीपीसी पश्चिमी क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक (I) जी.जे. देशपांडे तथा मौदा विद्युत संयंत्र के समूह महाप्रबंधक वी. थंगापांडियन के साथ महाराष्ट्र राज्य के अन्य नेतागण एवं अतिथिगण इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे.
मौदा चरण-I से उत्पादित बिजली महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू व कश्मीर राज्यों और दमन दीव एवं दादर नगर हवेली संघ शासित प्रदेशों को आपूर्ति की जाती है. मौदा प्रोजेक्ट की अंततः क्षमता इसके 1320 मेगावाट (2×660 मेगावाट) चरण-II, (जिसका निर्माण पूरा होने का लक्ष्य 13वीं योजना के प्रारंभ में हैं), की पूर्णता के बाद 2320 मेगावाट हो जाएगी.
चरण-I का मुख्य प्लांट पैकेज 2008 में बीएचईएल को प्रदान किया गया था. प्रोजेक्ट के पहले 500 मेगावाट यूनिट का वाणिज्यिक प्रचालन मार्च, 2013 में तथा दूसरे का मार्च, 2014 में प्रारंभ हुआ.
एनटीपीसी अपने विभिन्न विद्युत स्टेशनों से महाराष्ट्र राज्य को लगभग 4135 मेगावाट की विद्युत की आपूर्ति करता है. राज्य में एनटीपीसी के वर्तमान स्टेशन 1000 मेगावाट मौदा चरण-I और 1967 मेगावाट रत्नागिरी गैस पावर स्टेशन (एनटीपीसी, गेल, एमएसईबी और एफआई का संयुक्त उद्यम) हैं. राज्य में कम्पनी द्वारा मौदा-II (1320 मेगावाट) और सोलापुर (1320 मेगावाट) में 2640 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन है जिसमें 13 वीं योजना के प्रारंभ में वाणिज्यिक प्रचालन आरंभ होने की संभावना है. एनटीपीसी की भूमिका राज्य में विद्युत उत्पादन तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह अपनी नई परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में कई और फायदे भी पहुंचाता है. एनटीपीसी अपने सीएसआर/आर एंड आर योजना के भाग के रूप में मौदा में आई टी आई संचालित कर रहा है. सोलापुर में सोलापुर विद्युत एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (एसपीटीआई) स्थापित किया गया है.
मौदा परियोजना के लिए आर एंड आर योजना के अंतर्गत सम्पादित की जा रही अन्य महत्वपूर्ण सामुदायिक विकास गतिविधियों में परियोजना प्रभावित गांवों के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण, सिंचाई के लिए कैनाल का डायवर्जन, परियोजना प्रभावित गांवों में पेयजल उपलब्ध कराना एवं टयूब वैल लगाना, परियोजना प्रभावित गांवों में आंतरिक-संपर्क सड़कों का निर्माण शामिल है.
देश की सबसे बड़ी विद्युत उपयोगिता, के रूप में एनटीपीसी, देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान दे रही है. कम्पनी को पिछले वर्षो में इसकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए सरकार द्वारा “महारत्न” दर्जा दिया गया है. एनटीपीसी का भारत के विकास को गति देते हुए विश्व की सबसे बड़ी एवं सर्वश्रेष्ठ विद्युत उत्पादक कम्पनी बनने की दृष्टि (विज़न) है.
एनटीपीसी को वर्ष 2013 के लिए विश्व स्तर पर प्लाट्स शीर्ष 250 सार्वभौमिक ऊर्जा कम्पनी रैंकिंग में नं.1 स्वतंत्र विद्युत उत्पादक का दर्जा दिया गया है. प्लांट लोड फैक्टर, प्रायोजित आउटेज और फोर्सड आउटेज के संबंध में एनटीपीसी का प्रचालनात्मक कार्यनिष्पादन विश्व में अधिकतर बड़े विद्युत स्टेशनों से बेहतर है. एनटीपीसी को ए.आई.एम.ए (AIMA) से उत्कृष्ट पीएसयू पुरस्कार 2014 मिला है और इसे वर्ष 2014 के लिए राजस्व, लाभ, परिसम्पत्तियां और बाजार पूंजीकरण के आधार पर फोब्र्स “ग्लोबल 2000” सबसे बड़ी एवं सबसे शक्तिशाली सार्वजनिक कम्पनियों में 424 वां स्थान मिला है.
17 कोयला आधारित, 7 गैस आधारित, 7 सोलर नवीकरणीय और 7 संयुक्त उद्यम विद्युत स्टेशनों के माध्यम से 43128 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ एनटीपीसी देश में लगभग 26 प्रतिशत बिजली उत्पादन करती है जो भारत की स्थापित क्षमता का लगभग 18 प्रतिशत है.
कार्यकुशलता के मुख्य संवाहक के रूप में प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान देते हुए पोषणीयता एवं प्रतिस्पर्धात्मकता एनटीपीसी की मुख्य कार्यनीति का केन्द्र बिन्दु है. छत्तीसगढ़ में अपनी सीपत परियोजना में 660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल यूनिट की शुरूआत के साथ एनटीपीसी ने भारतीय विद्युत क्षेत्र में तकनीकी उत्कृष्टता बनाए रखी है. ये ईकाइयां उच्च उत्पादन क्षमता प्राप्त करेंगी और एनटीपीसी की भविष्य की विकास परियोजनाओं में यह कम्पनी के कम कार्बन उत्सर्जन नीति का मुख्य घटक हैं.
पर्यावरण और सामाजिक पोषणीयता हमेशा एनटीपीसी के विकास एवं कार्यनिष्पादन में प्रेरणास्रोत्र रहे हैं. कम्पनी अपने ग्रीन विज़न “उच्च उत्पादन और कम जीएचजी उत्सर्जन” के अनुरूप कार्य कर रही है. आज, एनटीपीसी विश्व के सबसे स्वच्छ जैव ईंधन आधारित विद्युत उत्पादकों में से एक है.
हरित विद्युत विकास के लिए एनटीपीसी ने उच्च कार्यकुशलता, उचित ईंधन मिश्रण एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष ध्यान देते हुए सुपर क्रिटिकल एवं अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक को अंगीकार किया है.
काॅर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व एनटीपीसी के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय है. एनटीपीसी ने अपने विद्युत स्टेशनों के आसपास सड़कों, पेयजल, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, सामुदायिक विकास, शिक्षा आदि क्षेत्रों में अनेक पहल की हैं. एनटीपीसी की व्यवसाय धारणा लोग, पर्यावरण एवं ऊर्जा सामंजस्य द्वारा पोषित है जो यह सुनिश्चित करती है कि, मौदा परियोजना से उत्पादित बिजली महाराष्ट्र राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की सामाजिक पहल है.