वेतन, भत्ता में मिलता है 6 लाख रुपए साल का
घर, कार्यालय, यात्रा , टेलीफोन सब मिलता है मुफ्त
(गुरु गुरनुले)
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देश की करोड़ों गरीब जनता का संसद में प्रतिनिधित्व करनेवाले हमारे सांसदों को साल में वेतन और विभिन्न भत्तों एवं सुविधाओं के तौर पर लगभग 47 लाख रुपए मिलते हैं. इसमें हर माह वेतन के अलावा अधिवेशन के दौरान मिलने वाला भत्ता, घर और कार्यालय भत्ते के अलावा विमान और रेल भाड़ा भी शामिल है.
संसद में जाने के भी मिलते हैं पैसे
कहने को तो एक सांसद को वेतन के रूप में महज 40,000 रुपए प्रति माह यानी साल के 4 लाख 80 हजार रुपए ही मिलते हैं. अधिवेशन के दौरान सांसद को 2000 रुपए प्रतिदिन भत्ता भी मिलता है. साल में सामान्यतः तीन अधिवेशन होते हैं. यानी कम से कम 60 दिन तो कार्रवाई चलती ही है. इस तरह 1 लाख 20 हजार रुपए भत्ते अधिवेशन में शामिल होने के उन्हें मिलते हैं.
विमान से उड़ो, ट्रेन में घूमो
एक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए एक साल में 5 लाख 40 हजार रुपए भत्ता मिलता है. यानी 45 हजार रुपए प्रति माह. एक सांसद को इतना ही कार्यालय खर्च भी मिलता है, यानी 45 हजार रुपए प्रति माह और 5 लाख 40 हजार रुपए प्रति वर्ष. एक सांसद सरकारी खर्च से एक साल में 34 बार मुंबई से दिल्ली और वापस दिल्ली से मुंबई की यात्रा कर सकता है. इसका खर्च हर वर्ष लगभग 20 लाख 72 हजार 980 रुपए बैठता है. सांसदों को रेल यात्रा की मुफ्त सुविधा भी मिलती है और वह भी 30 बार. सांसदों को मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का एसी प्रथम श्रेणी का किराया दिया जाता है.
बंगला, टेलीफोन सब फ्री
गरीब जनता के अमीर सांसदों को दिल्ली में 20 हजार रुपए प्रति माह तक का भाड़ामुक्त बंगला भी दिया जाता है. एक साल का किराया होता है 2 लाख 40 हजार रुपए. 3 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पीने के पानी में छूट भी दी जाती है, जो साल की 4 हजार लीटर तक होती है. यानी करीब 12 हजार रुपए. 15 हजार कॉल तक मुफ्त फ़ोन कॉल सुविधा भी सांसदों को दी जाती है. मोबाइल का खर्च इसके अलावा है. सांसदों को तो सोफासेट कवर और परदे सफाई भत्ता भी 20 हजार प्रति माह के हिसाब से मिलता है, यानी साल का 2 लाख 40 हजार रुपया. अलावा इसके फर्नीचर के लिए 5 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से साल में 60 हजार रुपए मिलते हैं.
5 साल में खर्च 2 करोड़ से अधिक
हम-आप अपनी गाढ़ी कमाई से जो टैक्स देते हैं, उसी में से एक सांसद वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाओं के रूप में हर साल 47 लाख 3 हजार 630 रुपए ले लेते हैं. यानी 5 साल में एक-एक सांसद को 2 करोड़ 35 लाख 18 हजार 150 रुपए मिल जाते हैं.
795 सांसदों पर खर्च 1869 करोड़ से अधिक
देश में लोकसभा के 545 और राज्यसभा के 250 सांसद हैं. कुल सांसद हुए 795. इन सांसदों पर 5 साल में जो खर्च होता है वह है-1869 करोड़ 69 लाख 29 हजार 250 रुपए. इससे दोगुना खर्च होता है हमारी संसद के कामकाज पर, जिसमें से अधिकांश समय तो हंगामे की भेंट चढ़ जाता है. और यह सब होता है जनहित के नाम पर. सवाल उठाया जा सकता है कि 81 करोड़ जनता ने वोट देकर जिन लोगों को चुना है उससे जनता को क्या मिलता है ?