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मूल
मूल तालुका मुख्यालय से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कवलपेठ कोई सौ घरों क़ी बस्ती है, मगर वहां ग्राम पंचायत का एक सद्स्य तक नहीं है. गांव से तीन किलोमीटर दूर स्थित चिचाला ग्राम पंचायत से गांव को जोड़ा गया है. दो वार्डों में बंटे इस गांव में जनसंख्या के हिसाब से और नियमानुसार एक ग्राम पंचायत जरूरी है.
ग्राम पंचायत के सभी सदस्य और पदाधिकारी चिचाला में ही रह्ते हैं. इसके चलते ग्राम अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है. गांव के नागरिकों को एक सादा प्रमाणपत्र लेने के लिए भी तीन किलोमीटर दूर चिचाला ही जाना पडता है. गांव में नालियां, सड़कें, गंदे पानी की निकासी, साफ-सफाई जैसी समस्याएं बहुतायत में हैं. बिजली आपूर्ति खंडित होने पर शिकायत करने तक क़ी व्यवस्था नहीं है.
मतदान से भी वंचित
कवलपेठ में साढ़े तीन सौ से अधिक मतदाता होने के बावजूद गांव में एक भी मतदान केंद्र नहीं था, जिससे 6-7 मतदाता ही मत डालने चिचाला जा सक़े. गर्मी और मतदान केंद्र तक की दूूरी ने इन लोगों को मतदान से वंचित कर दिया. याद रहे, पिछले बार जिला परिषद के चुनाव में यहां स्वतंत्र मतदान केंद्र खोला गया था.
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